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मुस्लिम समाज का बड़ा संदेश: आपदा में इंसानियत पहले, पंजाब के लिए रवाना हुई राहत सामग्री

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अबुल कलाम अश्क़
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के शरीफ नगर कस्बे से पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री से भरा एक डीसीएम वाहन रवाना हुआ। इस नेक काम को शहर इमाम मुफ्ती परवेज आलम ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह सारी सामग्री शरीफ नगर के ग्रामीणों ने मिलकर इकट्ठा की है। इसमें चावल, आटा, बिस्तर, सरसों का तेल, पीने का पानी और दवाइयाँ शामिल हैं। इसका मकसद बाढ़ से प्रभावित परिवारों की तुरंत और आने वाली जरूरतों को पूरा करना है। इस पहल में हाजी यासीन अंसारी, मोहम्मद लाईक अंसारी, फरहत अली उर्फ गुड्डू, मास्टर जियाउल इस्लाम, मास्टर मोहम्मद इलियास, मोहम्मद शमशेर, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद आरिफ, हाजी मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद इसरार और शहाबुद्दीन राही जैसे लोग शामिल रहे। उन्होंने साफ कहा कि यह प्रयास पूरी तरह से समाजसेवा की भावना से किया गया है, जिसमें कोई स्वार्थ नहीं है।

इंसानियत का अनमोल संदेश

शरीफ नगर के मुस्लिम समाज ने इस राहत कार्य के जरिए एक बड़ा संदेश दिया है कि आपदा के समय इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं। बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए आगे आकर इस समुदाय ने एकता और भाईचारे की मिसाल कायम की है। स्थानीय लोगों ने इस पहल की जमकर तारीफ की और इसे एक प्रेरणादायक कदम बताया। राहत सामग्री रवाना करते समय ग्रामीणों ने पंजाब में बाढ़ के हालात जल्द ठीक होने और पीड़ित परिवारों को हौसला मिलने की दुआ की। यह पहल न सिर्फ पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि यह भी दिखाती है कि संकट के समय समाज का हर वर्ग एकजुट होकर मदद कर सकता है।

राहत सामग्री का खास महत्व

राहत सामग्री में शामिल चीजें बाढ़ पीड़ितों की तुरंत जरूरतों को ध्यान में रखकर चुनी गई हैं। पांच क्विंटल चावल और आटा जैसे खाद्य पदार्थ यह सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों को भोजन की कमी न हो। बिस्तर और कंबल ठंड और असुविधा से बचाएंगे, जबकि सरसों का तेल और पीने का पानी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करेंगे। दवाइयाँ बाढ़ के बाद बढ़ने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करेंगी। इस सामग्री का चयन इस तरह किया गया है कि यह पीड़ितों की तात्कालिक और मध्यम अवधि की जरूरतों को पूरा कर सके। ऐसी मदद न सिर्फ शारीरिक राहत देती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक समर्थन भी देती है, जिससे पीड़ितों को लगता है कि वे अकेले नहीं हैं।

सामुदायिक एकता की मिसाल

यह पहल शरीफ नगर के ग्रामीणों की एकता और उदारता का प्रतीक है। स्थानीय लोगों ने न सिर्फ सामग्री इकट्ठा की, बल्कि इस काम को व्यवस्थित करने में भी सक्रिय भूमिका निभाई। इस प्रयास में शामिल हर व्यक्ति ने अपने स्तर पर योगदान दिया, जिससे यह साफ है कि छोटे-छोटे प्रयास मिलकर बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इस पहल की सफलता दूसरे समुदायों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है, जो आपदा के समय एकजुट होकर मदद करना चाहते हैं। शरीफ नगर के इस कदम ने न सिर्फ पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत का रास्ता खोला, बल्कि यह भी दिखाया कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।

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