करवा चौथ का त्योहार आ गया है, और देशभर की सुहागिनें इस खास दिन चांद का इंतजार कर रही हैं। यह वह पल है जब हर विवाहित महिला अपने पति की लंबी उम्र की दुआ करती है। इस साल करवा चौथ का व्रत आज, 10 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्थी को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
करवा चौथ पर सुहागिनें दिनभर भूख-प्यास सहकर व्रत रखती हैं और चांद देखने के बाद ही अपना व्रत तोड़ती हैं। इसीलिए चंद्रोदय का समय हर महिला के लिए बहुत खास होता है। आइए, आपको बताते हैं कि इस साल आपके शहर में चांद कब दिखेगा और इस पर्व से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।
करवा चौथ की तिथि और महत्वहिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर को रात 10:54 बजे शुरू होगी और 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे तक रहेगी। उदिया तिथि के कारण करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। यह व्रत न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि प्यार और विश्वास का प्रतीक भी है।
चांद कब दिखेगा?द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय औसतन रात 8:14 बजे होगा। हालांकि, अलग-अलग शहरों में यह समय थोड़ा बदल सकता है। आइए जानते हैं कि आपके शहर में चांद कब निकलेगा।
आपके शहर में चंद्रोदय का समयभारत के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय इस प्रकार है:
- दिल्ली: रात 8:13 बजे
- गुरुग्राम: रात 8:13 बजे
- गाजियाबाद: रात 8:13 बजे
- नोएडा: रात 8:13 बजे
- मुंबई: रात 8:55 बजे
- कोलकाता: शाम 7:45 बजे
- चेन्नई: शाम 7:30 बजे
- चंडीगढ़: रात 8:08 बजे
- लुधियाना: रात 8:11 बजे
- देहरादून: रात 8:04 बजे
- शिमला: शाम 7:48 बजे
- पटना: शाम 7:48 बजे
- लखनऊ: रात 8:42 बजे
- इंदौर: रात 8:33 बजे
- भोपाल: रात 8:26 बजे
- अहमदाबाद: रात 8:47 बजे
- जयपुर: रात 8:22 बजे
- रायपुर: शाम 7:43 बजे
करवा चौथ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिनें निम्नलिखित तरीके से चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं:
शाम को करवा देवी की पूजा करें और व्रत कथा का पाठ करें। पूजा के बाद, एक थाली में जल से भरा लोटा, करवा, छलनी, चावल, मिठाई, फूल, दीपक और बाती रखें। छत या आंगन में जाएं और चांद के निकलने का इंतजार करें।
चांद दिखने पर सबसे पहले उसकी आरती करें। फिर छलनी में जलता दीपक रखकर चांद को निहारें। इस दौरान चंद्र मंत्रों का जाप करें और मन में अपने पति की लंबी उम्र की कामना करें। इसके बाद चांद को जल अर्पित करें। जल में चांदी का सिक्का और चावल डालना न भूलें।
अंत में, उसी छलनी से अपने पति का चेहरा देखें और उनके हाथों से जल पीकर व्रत तोड़ें।
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय चंद्र मंत्र और चंद्र स्तुति का जाप करना शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और स्थिरता आती है। यह प्रक्रिया न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को और गहरा करती है।
करवा चौथ का यह पर्व हर सुहागिन के लिए बेहद खास होता है। तो, तैयार हो जाइए चांद का दीदार करने और अपने जीवनसाथी के लिए दुआ मांगने के लिए!
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