बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमी के कारण मध्य प्रदेश में मौसम फिर से करवट लेने वाला है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि 22-23 अक्टूबर तक बादल छाए रहेंगे और कई इलाकों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है। खास बात ये है कि 20 अक्टूबर, यानी दिवाली के दिन, मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना है। भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन जैसे संभागों में मौसम में बदलाव के स्पष्ट संकेत मिले हैं।
इन जिलों में बारिश की संभावना20 से 22 अक्टूबर के बीच मध्य प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है। इनमें बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर शामिल हैं। मौसम विभाग ने बताया कि इन इलाकों में गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा होने की आशंका है।
दो नए वेदर सिस्टम होंगे सक्रियमौसम विभाग के अनुसार, 21 और 24 अक्टूबर को दो अलग-अलग मौसम प्रणालियां (वेदर सिस्टम) सक्रिय हो सकती हैं, जिससे मध्य प्रदेश का मौसम फिर बदलेगा। दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब केरल-कर्नाटक तट के पास एक मजबूत वेदर सिस्टम में बदल गया है। यह समुद्र तल से करीब 5.8 किमी की ऊंचाई तक सक्रिय है और अगले 36 घंटों में इसके और तीव्र होने की संभावना है।
इसके अलावा, दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के पास एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव से 24 अक्टूबर के आसपास एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बन सकता है। साथ ही, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 21 अक्टूबर से एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो सकता है।
नवंबर से ठंड की शुरुआत, फरवरी तक रहेगा असरमौसम विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर के दूसरे हफ्ते से मध्य प्रदेश में ठंड का असर शुरू हो जाएगा। इस बार ठंड का मौसम जनवरी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि फरवरी तक इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। इस साल मध्य प्रदेश में अब तक औसतन 48 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य औसत 37.2 इंच से करीब 15% ज्यादा है। यानी कुल 121% बारिश दर्ज की गई है। पिछले साल के मुकाबले भी इस बार ज्यादा बारिश हुई, जब मानसून में औसतन 44 इंच बारिश हुई थी।
जिलों में बारिश का हालगुना जिले में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई है। मंडला और रायसेन में करीब 62 इंच, जबकि श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार जैसे जिलों में बारिश अपेक्षाकृत कम रही है।
इन जिलों ने पूरा किया बारिश का कोटामध्य प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जहां औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इनमें भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया शामिल हैं।
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