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हिमाचल में बादल फटने का तांडव: 5 गाड़ियां, 4 कॉटेज बहे, 3 पुल टूटे!

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हिमाचल प्रदेश में बुधवार को प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया। पांच अलग-अलग जगहों पर बादल फटने से भारी तबाही मची है। श्रीखंड के भीमडवारी और नंती, किन्नौर के पूह, लाहौल के मयाड़ और कुल्लू की तीर्थन घाटी में बादल फटने से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ और पानी के तेज बहाव ने कई इलाकों को तहस-नहस कर दिया। आइए, जानते हैं इस प्राकृतिक आपदा ने कैसे हिमाचल को झकझोर दिया।

श्रीखंड और नंती में बाढ़ का कहर

श्रीखंड के भीमडवारी और नंती में बादल फटने से भयानक बाढ़ आ गई। गानवी में इस बाढ़ ने दो शेड को बहा दिया, जबकि छह अन्य पानी में डूब गए। बाढ़ इतनी तेज थी कि एक पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इसके साथ ही, एक पुलिस चौकी में भी पानी घुस गया, जिससे वहां मौजूद सामान को भारी नुकसान पहुंचा। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है, क्योंकि ऐसी आपदा ने इलाके को पहले कभी इतना प्रभावित नहीं किया था।

तीर्थन घाटी में भारी तबाही

कुल्लू की तीर्थन घाटी में बादल फटने से हालात और बिगड़ गए। बंजार इलाके में टिल्ला और दोगड़ा पुल बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए। तेज बहाव में पांच गाड़ियां और चार कॉटेज बह गए। राहत की बात यह रही कि कॉटेज में उस समय कोई मौजूद नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। बाढ़ के कारण इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

निरमंड में उफान पर कुर्पण खड्ड

निरमंड में कुर्पण खड्ड के उफान पर आने से बागीपुल बाजार को खाली करवाना पड़ा। पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि स्थानीय प्रशासन को तुरंत कदम उठाने पड़े। बाजार में दुकानों और सामान को भारी नुकसान की आशंका के चलते लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया। बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने पूरे हिमाचल में दहशत फैला दी है।

हिमाचल में इस तरह की प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर चलना होगा। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन नुकसान इतना बड़ा है कि प्रभावित इलाकों में सामान्य स्थिति बहाल करने में समय लग सकता है।

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