Fake Paneer Racket : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को पवित्र और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से कमर कस चुके हैं। माननीय मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद देहरादून पुलिस ने मिलावटी खाद्य पदार्थों के काले कारोबार पर नकेल कसते हुए एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।
सहारनपुर से देहरादून लाई जा रही 720 किलो नकली पनीर की खेप को पुलिस ने पकड़ लिया। यह नकली पनीर चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को परोसी जानी थी। क्या आप जानते हैं कि इस तरह का धोखा न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाता है?
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को गुप्त सूचना मिली थी कि सहारनपुर से नकली पनीर की बड़ी खेप देहरादून में सप्लाई के लिए लाई जा रही है। इस सूचना के आधार पर तुरंत रायपुर थाना और विशेष कार्य बल (एसओजी) की संयुक्त टीम गठित की गई।
टीम ने रायपुर के ईश्वर विहार इलाके में एक दुकान पर छापेमारी की, जहां एक पिकअप वैन से नकली पनीर उतारी जा रही थी। मौके पर 6 क्विंटल नकली पनीर गोदाम से और 1.2 क्विंटल वैन से बरामद किया गया। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पनीर की जांच की और इसे नकली पुष्टि होने पर तत्काल नष्ट कर दिया गया।
पुलिस ने दुकान के मालिक अब्दुल मन्नान और वैन चालक आरिफ को हिरासत में लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह नकली पनीर सहारनपुर के कासमपुर में जंगल के बीच बनी एक गुप्त फैक्ट्री से लाई गई थी। इस फैक्ट्री को मनोज, नरेंद्र चौधरी और शाहरुख नाम के तीन लोग मिलकर चला रहे थे। पुलिस ने दोनों गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ बीएनएस की धारा 123/125 के तहत मुकदमा दर्ज किया और बाकी तीनों आरोपियों की तलाश में दबिश शुरू कर दी।
इसके साथ ही, देहरादून पुलिस ने सहारनपुर के खाद्य सुरक्षा विभाग के मंडलायुक्त से संपर्क कर फैक्ट्री की जानकारी साझा की। मंडलायुक्त के नेतृत्व में सहारनपुर में छापेमारी हुई, जहां 16 क्विंटल नकली पनीर और इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायन और उपकरण बरामद किए गए। फैक्ट्री को सील कर दिया गया। यह कार्रवाई न केवल देहरादून पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि उत्तराखंड सरकार के मिलावट के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को भी रेखांकित करती है।
चारधाम यात्रा जैसे पवित्र अवसर पर श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे गिरोहों पर नकेल कसना बेहद जरूरी है। देहरादून पुलिस की इस कार्रवाई ने नकली खाद्य पदार्थों के कारोबार को बड़ा झटका दिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ऐसी घटनाएं भविष्य में पूरी तरह रोकी जा सकेंगी? पुलिस और प्रशासन की सख्ती के साथ-साथ जनता की जागरूकता भी इस लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकती है।
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