नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर 2025 को एक बड़ा फैसला लिया है, जो आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालेगा। अब जीएसटी की दरों को सरल बनाते हुए मुख्य रूप से दो स्लैब – 5% और 18% – में बदल दिया गया है। कुछ लग्जरी और ‘सिन गुड्स’ जैसे तंबाकू, पान मसाला पर 40% की ऊंची दर लगेगी। ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे, यानी नवरात्रि से। सरकार का कहना है कि इससे कर प्रणाली पारदर्शी बनेगी और ज्यादातर जरूरी चीजें सस्ती हो जाएंगी। आइए देखते हैं कि किन चीजों पर कितना टैक्स लगेगा और आपकी बचत कहां होगी।
5% जीएसटी वाली चीजें: रोजमर्रा की जरूरतें अब और सस्ती
जीएसटी काउंसिल ने कई रोजमर्रा की चीजों को 18% या 12% से घटाकर 5% स्लैब में डाल दिया है। इससे खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर घरेलू सामान तक में राहत मिलेगी। उदाहरण के लिए, कंडेंस्ड मिल्क, बटर, घी, चीज, ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, पिस्ता, काजू, सूखे फल जैसे खजूर, अंजीर, आम, साइट्रस फ्रूट्स, पास्ता, नूडल्स, बिस्किट, केक, चॉकलेट, जैम, जूस, आइसक्रीम, नमकीन, 20 लीटर की पैकेज्ड वॉटर और प्लांट-बेस्ड ड्रिंक्स अब 5% टैक्स के दायरे में आएंगे।
घरेलू और पर्सनल केयर आइटम्स में भी बचत होगी। टैल्कम पाउडर, शैंपू, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, साबुन, कैंडल्स, मैचस्टिक्स, टूथब्रश, स्टेशनरी, रबर बैंड्स और हैंडमेड पेपर पर 5% टैक्स लगेगा। हेल्थकेयर से जुड़ी चीजें जैसे एनेस्थेटिक्स, मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट्स, कई पारंपरिक और मॉडर्न दवाएं, सर्जिकल रबर ग्लव्स, स्पेक्टेकल्स, थर्मामीटर्स, एक्स-रे मशीनें और ग्लूकोमीटर्स भी इसी स्लैब में हैं।
कृषि और इंडस्ट्री सेक्टर में पंप्स, हार्वेस्टर, स्प्रिंकलर्स, कंपोस्टिंग मशीनें, बायोडीजल, प्लास्टिक फीडिंग बॉटल्स, ट्रैक्टर टायर्स, सोलर पैनल्स, विंडमिल्स, टाइडल एनर्जी डिवाइसेस और हाइड्रॉलिक पंप्स पर 5% टैक्स होगा। हैंडीक्राफ्ट्स और टेक्सटाइल्स में लेदर गुड्स, हैंडबैग्स, ज्वेलरी बॉक्सेस, टॉयज, डॉल्स, स्टैच्यूज, कार्पेट्स, टॉवेल्स, एम्ब्रॉयडरी, बैंबू/केन फर्नीचर, हरिकेन लैंप्स और हैंडक्राफ्टेड आइटम्स शामिल हैं। ट्रांसपोर्ट में साइकिल्स, 350cc से कम की मोटरसाइकिल्स, रिक्शा, ट्रेलर्स, ट्रैक्टर्स, फ्यूल सेल मोटर व्हीकल्स और वॉकी-टॉकीज (डिफेंस और पुलिस के लिए) पर भी 5% टैक्स लगेगा। अन्य कैटेगरी में मार्बल और ग्रेनाइट ब्लॉक्स, बायो-पेस्टिसाइड्स, पार्टिकल बोर्ड्स, फाइबर बोर्ड्स (एग्री-वेस्ट से), रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइसेस, इलेक्ट्रिक एक्यूमुलेटर्स (नॉन-लिथियम) और फिशिंग इक्विपमेंट शामिल हैं।
18% जीएसटी वाली चीजें: इलेक्ट्रॉनिक्स और व्हीकल्स में राहत, लेकिन अभी भी स्टैंडर्ड रेट
ज्यादातर कंज्यूमर प्रोडक्ट्स अब 18% स्लैब में आएंगे, जो पहले 28% पर थे। इससे एयर कंडीशनर्स, 32 इंच से बड़े टीवी, डिशवॉशिंग मशीनें, मॉनिटर्स और प्रोजेक्टर्स सस्ते होंगे। व्हीकल्स में छोटी कारें (1200cc तक पेट्रोल/हाइब्रिड, 4000mm तक), डीजल/हाइब्रिड कारें (1500cc तक, 4000mm तक), 350cc से कम की मोटरसाइकिल्स, मोटर व्हीकल्स फॉर गुड्स ट्रांसपोर्ट, बसें, ट्रक्स और एंबुलेंस पर 18% टैक्स लगेगा।
अन्य आइटम्स में मोबाइल फोन्स, माल्ट, वेजिटेबल सैप्स और एक्सट्रैक्ट्स, ग्लिसरॉल, वैक्सेज, केमिकली प्योर लैक्टोज, माल्टोज, ग्लूकोज और फ्रक्टोज, चॉकलेट और कोको प्रोडक्ट्स, पेस्ट्री आइटम्स, आइसक्रीम, नॉन-अल्कोहॉलिक बेवरेजेस, निकोटीन प्रोडक्ट्स, ओर्स और कंसंट्रेट्स, मिनरल या केमिकल फर्टिलाइजर्स, परफ्यूम्स और टॉयलेट वॉटर्स शामिल हैं। सर्विसेज में ब्यूटी और वेलनेस सर्विसेज (सलॉन्स, पार्लर्स, स्पा, आयुर्वेदिक मसाज सेंटर्स), फिटनेस सेंटर्स, जिम्स, योगा स्टूडियोज, मेडिकल और डायग्नोस्टिक सर्विसेज (लैब टेस्ट्स, पैथोलॉजी, इमेजिंग सर्विसेज) पर 18% से घटकर 5% हो गया है, लेकिन कई स्टैंडर्ड सर्विसेज 18% पर रहेंगी।
40% जीएसटी वाली चीजें: सिन गुड्स और लग्जरी पर सख्ती
सरकार ने ‘सिन गुड्स’ और कुछ लग्जरी आइटम्स पर 40% की ऊंची दर लगाई है। इसमें पान मसाला, एरेटेड वॉटर्स (शुगर या स्वीटनर वाली), कार्बोनेटेड बेवरेजेस विद फ्रूट जूस, कैफीनेटेड बेवरेजेस, अनमैन्युफैक्चर्ड टोबैको, सिगार्स, चेरोट्स, सिगरिलोज, सिगरेट्स, अन्य मैन्युफैक्चर्ड टोबैको, टोबैको प्रोडक्ट्स फॉर इनहेलेशन, निकोटीन सब्स्टीट्यूट प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
लग्जरी व्हीकल्स में हाइब्रिड पेट्रोल व्हीकल्स (1200cc से ज्यादा या 4000mm से लंबी), हाइब्रिड डीजल व्हीकल्स (1500cc से ज्यादा या 4000mm से लंबी), 350cc से ज्यादा की मोटरसाइकिल्स, पर्सनल यूज के लिए एयरक्राफ्ट, यॉट्स और अन्य प्लेजर वेसल्स, रिवॉल्वर्स और पिस्टल्स पर 40% टैक्स लगेगा। सर्विसेज में कैसिनो, रेस क्लब्स, आईपीएल/स्पोर्टिंग इवेंट्स में एडमिशन, रेस क्लब सर्विसेज (बुकमेकर्स की लाइसेंसिंग), स्पेसिफाइड एक्शनेबल क्लेम्स (बेटिंग, गैंबलिंग, लॉटरी, ऑनलाइन गेमिंग) पर भी 40% होगा। ये बदलाव त्योहारी सीजन से पहले आम आदमी को राहत देंगे, लेकिन लग्जरी पर बोझ बढ़ाएंगे।
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