उज्जैन, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्रीमहाकालेश्वर मंदिर में Saturday को शनि प्रदोष के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया. इस अवसर पर पंडे-पुजारियों द्वारा भगवान महाकाल का प्रदोषकालीन एकादश-एकादशनी रुद्राभिषेक विधि-विधान से संपन्न कराया गया. मंदिर परिसर में दिनभर भक्तों की भीड़ रही, श्रद्धालुओं ने शनि प्रदोष पर महादेव के दर्शन कर विशेष पुण्य लाभ प्राप्त किया.
मंदिर प्रशासन ने जानकारी दी है कि आगामी आठ अक्टूबर से महाकाल मंदिर की आरतियों के समय में परिवर्तन किया जा रहा है. शरद पूर्णिमा के अगले दिन से कार्तिक मास की प्रतिपदा आरंभ होती है और इसी दिन से आरती का यह नया क्रम लागू होगा. यह परिवर्तन हर वर्ष दो बार शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु में किया जाता है, ताकि मौसम और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय के अनुसार आरती का आयोजन सुव्यवस्थित रूप से किया जा सके.
महाकाल मंदिर के पुजारी दिलीप पुजारी का इस संबंध में कहना है कि पांच प्रमुख आरतियों में से तीन आरतियों के समय में बदलाव होगा. अन्य दो आरतियों का समय यथावत रहेगा. उन्होंने बताया कि हर वर्ष मौसम के अनुसार आरतियों के समय में यह अदला-बदली परंपरागत रूप से होती आई है.
नया आरती क्रम (8 अक्टूबर से लागू):
भस्मारती: प्रातः 4:00 बजे से
बाल भोग आरती: प्रातः 7:30 बजे से
भोग आरती: प्रातः 10:30 बजे से
संध्या पूजन: सायं 5:00 बजे से
संध्या आरती: सायं 6:30 बजे से
शयन आरती: रात्रि 10:30 बजे से
मंदिर समिति के अनुसार, शीत ऋतु में भोर देर से और रात जल्दी होने के कारण आरतियों का समय आगे-पीछे किया जाता है. इसी तरह ग्रीष्म ऋतु में सूर्योदय जल्दी और सूर्यास्त देर से होता है, जिससे आरतियों का समय फिर से समायोजित किया जाता है.
उल्लेखनीय है कि Saturday को हुए शनि प्रदोष पर्व पर मंदिर में दिनभर विशेष धार्मिक माहौल रहा. भक्तों ने रुद्राभिषेक और पूजन में भाग लेकर भगवान महाकाल से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. इस अवसर पर मंदिर परिसर में भस्मारती के दर्शन हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे आठ अक्टूबर से लागू होने वाले नए आरती समय का पालन करें और समय से पहले मंदिर पहुंचकर आरती दर्शन का लाभ उठाएं.
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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