– मुख्यमंत्री ने 5138 करोड़ लागत वाली कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना का लोकार्पण व गुना जिले में 175.76 करोड़ के 604 विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमि-पूजन
भोपाल, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश नदियों का मायका है। हमारे यहां कोई ग्लेशियर नहीं हैं, लेकिन सघन वन और जलराशि उपलब्ध है। प्रदेश का कोई भी गांव, कोई भी खेत पानी से वंचित न रहे इसके लिए हमारी सरकार ने प्रदेश में तीन बड़ी नदी जोड़ो परियोजनाओं पर काम शुरू किया है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना इन्हीं में से एक है। गुना जिले को पीकेसी के साथ-साथ कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना का भी बड़ा लाभ मिलेगा इससे यहां के गांव-गांव और खेत-खेत तक पानी पहुंचेगा। यह परियोजना गुना जिले की तस्वीर बदल देगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के बीनागंज में पीकेसी नदी लिंक परियोजना के लिए जिलेवासियों द्वारा आयोजित आभार सभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ . यादव ने करीब 5138 करोड़ रुपये की लागत वाली कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना का लोकार्पण किया। इस परियोजना से गुना जिले की 30 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को बारहमासी सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो गई है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुना जिले के समग्र विकास के लिए कुल 175.76 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न श्रेणी के 604 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया।
मुख्यमंत्री ने मंच से ग्राम बीनागंज के राजेश खंडेलवाल की बेटी के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए चार लाख रुपये देने की घोषणा की। बेटी के इलाज के लिए सरकार द्वारा एक लाख रूपए पहले ही दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने ममता विश्वकर्मा को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने बीनागंज में गौशाला के संपूर्ण विकास के लिए 12 लाख रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उन्होंने कन्या पूजन एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री का भगवान गणेश की गोबर से निर्मित प्रतिमा भेंटकर स्वागत किया गया। क्षेत्रीय बहनों ने श्रावण मास पर मुख्यमंत्री को दो बड़ी राखियां भेंट की। मुख्यमंत्री ने मंच से लाड़ली लक्ष्मी योजना, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सहित अन्य शासकीय योजनाओं के चिन्हित हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने चाचौड़ा के दर्शनीय स्थलों पर केंद्रित एक मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 2003 तक विपक्षी दल की सरकार थी और उस दौर में किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिला। तब की सरकार ने किसानों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाया। प्रदेश में सिंचाई का रकबा 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। गुना के गुलाब और धनिया में यहां के किसानों की कड़ी मेहनत की खुशबू आती है। गुना जिला मालवा और चंबल का दरवाजा है। उन्होंने कहा कि किसी जमाने में चंबल में दस्यु संकट चरम पर था। हमारी सरकार बनने पर डाकुओं का सफाया कर दिया गया। अगर 50 साल पहले दस्यु समस्या का हल निकल जाता, तो इस अंचल का अत्यधिक विकास होता। पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी योजना बाबा महाकाल का आशीर्वाद हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश में नदी जोड़ो परियोजना का कार्य जारी है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना से चंबल और मालवा के 13 जिलों को लाभ मिलेगा इससे राजस्थान के भी 13 जिले लाभान्वित होंगे। विपक्षी दल की सरकारों ने पीकेसी परियोजना का विरोध किया और कई सालों तक अटकाए रखा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में समस्या का हल निकाला गया। पीकेसी की सहायक कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना से अब गुना जिले की हर तहसील, हर गांव और खेत में सिंचाई जल और पेयजल का लाभ भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन का महीना चल रहा है, बहनों को 250 रुपये का शगुन मिलेगा। प्रदेश की लाड़ली बहनों को इसी साल दीपावली से 1500 रुपए हर माह भेजे जाएंगे। लाड़ली बहनें अगर फैक्ट्री में काम करेंगी, तो उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप 14 हजार रुपये मेहनताना दिलवाएंगे। युवाओं को भी फैक्ट्री में काम करने पर सरकार 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत हम केन्द्र सरकार के साथ मिलकर पात्र किसानों को कुल 12 हजार रुपये दे रहे हैं। किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश में सोलर पॉवर से चलित सिंचाई पंप बांटे जा रहे हैं। राज्य सरकार विरासतों का हरसंभव तरीके से संरक्षण करते हुए प्रदेश को विकास की धारा से जोड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंभीर घायलों और गरीब जरूरतमंदों को एयर एम्बुलेंस का लाभ मिल रहा है। राहवीर योजना के माध्यम से सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की सहायता करने और अस्पताल पहुंचाने पर मदद करने वाले राहवीर को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) नदी लिंक परियोजना एक अकल्पनीय कार्य है। इसकी लागत 72 हजार करोड़ की है। परियोजना से चंबल और मालवा अंचल के 13 जिले लाभान्वित होंगे। छह लाख हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। उन्होंने कहा कि 40 लाख आबादी को इस परियोजना से लाभ मिलेगा। कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना से 30 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इसकी लागत पांच हजार करोड़ से अधिक है। उन्होंने बताया कि केन-बेतवा लिंक नदी जोड़ो परियोजना 44 हजार 605 करोड़ की योजना है और इससे एक लाख 11 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। परियोजना से 103 मेगावॉट बिजली पैदा होगी और करीब 44 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। तीसरी बड़ी नदी परियोजना तापी मेगा रिचार्ज परियोजना 19 हजार करोड़ की है। इससे प्रदेश के दो जिले खंडवा और बुरहानपुर लाभान्वित होंगे। यह विश्व की पहली भू-जल रीचार्ज परियोजना है।
कार्यक्रम को प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, विधायक प्रियंका मीणा ने भी संबोधित किया। इस मौके पर सांसद रोडमल नागर, विधायक पन्नालाल शाक्य, जिला पंचायत अध्यक्ष अरविंद धाकड़, जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार, राहुल कोठारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में क्षेत्रीय किसान बंधु एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) तोमर
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