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स्वाति मालीवाल के खिलाफ मामले में तीन गवाहों ने दर्ज कराए बयान

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नई दिल्ली, 27 मई . दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में 2016 में नाबालिग रेप पीड़ित की पहचान उजागर करने के मामले में राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज मामले में तीन गवाहों के बयान दर्ज किए गए. एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने मामले की अगली सुनवाई 9 जून को करने का आदेश दिया. पहले ये मामला तीस हजारी कोर्ट में चल रहा था. स्वाति मालीवाल के संसद सदस्य होने के नाते तीस हजारी कोर्ट ने 18 मार्च को इस मामले का ट्रायल राऊज एवेन्यू कोर्ट में करने के लिए भेज दिया था.

मंगलवार काे सुनवाई के दौरान तीन गवाहों अमित कुमार, अर्णिम अग्रवाल और शैलेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए. इन तीनों गवाहों का स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के वकीलों ने क्रास-एग्जामिनेशन किया. इससे पहले 16 मई को शिकायतकर्ता इंस्पेक्टर सत्यवीर सिंह का क्रास एग्जामिनेशन किया गया था. 8 मई को सत्यवीर सिंह के बयान दर्ज किए गए थे.

कोर्ट ने 28 अप्रैल को स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ आरोप तय कर दिया था.

बता दें कि 15 अप्रैल को स्वाति मालीवाल ने कोर्ट में बेल बांड भरा था. 13 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वाति मालीवाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया था. पहले ये मामला तीस हजारी कोर्ट में चल रहा था. स्वाति मालीवाल के संसद सदस्य होने के नाते तीस हजारी कोर्ट ने 18 मार्च को इस मामले का ट्रायल राऊज एवेन्यू कोर्ट में करने के लिए भेज दिया था.

इस मामले में 2016 में दिल्ली के बुराड़ी थाने की पुलिस ने स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74 और 86 के तहत एफआईआर दर्ज किया था. इस मामले में 14 वर्षीया रेप पीड़ित और उसकी मां ने अपहरण और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. 5 जनवरी 2016 को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत पीड़िता ने अपना बयान दर्ज कराया था. मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में पीड़ित का बयान एफआईआर से अलग था. इस आधार पर रेप के आरोपित को 12 जनवरी 2016 को जमानत मिल गयी.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक रेप के आरोपित के जमानत मिलने के बाद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री को वपत्र लिखकर कहा था कि रेप पीड़ित ने डर कर अपना बयान बदल दिया लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. स्वाति मालीवाल का बयान दिल्ली महिला आयोग के तत्कालीन पब्लिक रिलेशंस अफसर भूपेंद्र सिंह ने व्हाट्स ऐप ग्रुप के जरिये सभी न्यूज चैनल्स में प्रसारित कर दिया. व्हाट्स ऐप ग्रुप की सूचना में पीड़ित की पहचान उजागर की गई थी. इसी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था.

/संजय

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/ अमरेश द्विवेदी

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