बीरभूम, 09 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
देउचा-पांचामी कोयला परियोजना पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में स्थित भारत की सबसे बड़ी कोयला खनन परियोजनाओं में से एक है, जिसमें अरबों टन कोयले का भंडार है। इसे 2022 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुरू किया था, जिसका उद्देश्य राज्य में बिजली उत्पादन और उद्योगों के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराना है। इस परियोजना के लिए स्थानीय किसानों और भूमिदाताओं की ज़मीन को अधिग्रहित किया जा रहा है। पुनर्वास पैकेज के तहत प्रभावित परिवारों को मुआवज़ा, नया घर और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जा रही है।
देउचा-पांचामी कोयला परियोजना से प्रभावित भूमिदाताओं के लिए रोजगार देने की प्रक्रिया जारी है। शनिवार को परियोजना से प्रभावित 28 और भूमिदाताओं को जूनियर कांस्टेबल पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा गया। इससे पहले 877 भूमिदाताओं को इस पद पर नियुक्त किया जा चुका था। अब तक कुल 905 भूमिदाताओं को जूनियर कांस्टेबल की नौकरी मिल चुकी है।
इसके अलावा, ग्रुप-डी सहित अन्य पदों पर नियुक्त लोगों की संख्या लगभग एक हजार 500 तक पहुंच गई है। हाल ही में छह अगस्त को जिला शासक ने 16 लोगों को ग्रुप-डी पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे थे।
उल्लेखनीय है कि फरवरी माह में विश्व बंग व्यापार सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देउचा-पांचामी कोयला खनन परियोजना की शुरुआत की घोषणा की थी। साथ ही यह आश्वासन भी दिया था कि किसी भी भूमिदाता को नुकसान न हो, इसके लिए आर्थिक पैकेज और योग्यता के आधार पर परियोजना में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
बीरभूम के पुलिस अधीक्षक अमनदीप ने शनिवार को बताया कि नए चयनित 28 जूनियर कांस्टेबल को तीन महीने के प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद वे सेवा में शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा, 318 नए आवेदनों में से अधिकांश का सत्यापन पूरा हो चुका है और उनके नियुक्ति पत्र मुख्यालय को भेज दिए गए हैं।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
You may also like
अर्चना पूरन सिंह की कलाई की हड्डी टूटी, फैंस कर रहे हैं जल्द ठीक होने की कामना
आज का मेष राशिफल, 10 अगस्त 2025 : सुखद और प्रेमपूर्ण रहेगा आज आपका जीवन
भीगी हुई किशमिश के स्वास्थ्य लाभ: जानें कैसे करें सेवन
गोरखपुर में दुल्हन ने बेहोश दूल्हे से शादी करने से किया इनकार
नवरात्रि में झाड़ू के महत्व और उसके उपयोग के नियम