Next Story
Newszop

राजस्थान में डिजिटल जनगणना की तैयारियां शुरू, पहली बार सेल्फ सेंसस पोर्टल लॉन्च होगा

Send Push

जयपुर, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान में जनगणना की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार पहली बार डिजिटल जनगणना होगी और लोग खुद भी जनगणना कर सकेंगे। इसके लिए सेल्फ सेंसस वेब पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। लोग इसमें अपना ब्योरा भर सकेंगे, जिसे बाद में जांच कर वेरिफाई किया जाएगा। साथ ही सरकारी कर्मचारी भी घर-घर जाकर टैबलेट पर डिजिटल फॉर्मेट में जानकारी दर्ज करेंगे।

जयपुर स्थित जनगणना के क्षेत्रीय निदेशालय में जनगणना निदेशक बिष्णु चरण मल्लिक ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब सेल्फ सेंसस की सुविधा दी जा रही है। राजस्थान सहित पूरे देश में डिजिटल जनगणना का संचालन होगा। यह प्रक्रिया 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक चलेगी। इस बार जातिगत जनगणना भी होगी और प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न होगी।

पहले चरण में अप्रैल 2026 से सितंबर 2026 तक मकानों की लिस्टिंग और गणना होगी। दूसरे चरण में 9 से 20 फरवरी 2027 के बीच जनगणना होगी, जबकि 28 फरवरी 2027 को बेघरों की गिनती की जाएगी। दोनों चरणों में पूछे जाने वाले प्रश्नों में इस बार बदलाव होंगे—कुछ नए सवाल जोड़े जाएंगे और कुछ पुराने हटाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि जनगणना कार्य में करीब दो लाख कर्मचारी और अधिकारी तैनात होंगे। इनमें से लगभग 1.50 लाख प्रगणक घर-घर जाकर डेटा एकत्र करेंगे, जबकि 30-40 हजार सुपरवाइजर और अन्य अधिकारी होंगे। अधिकतर शिक्षकों और स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को इस कार्य में लगाया जाएगा। इस अवधि—1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 के दौरान जनगणना से जुड़े कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे। इसके लिए राज्य सरकार अलग अधिसूचना जारी करेगी।

जनगणना निदेशक मल्लिक ने बताया कि जनगणना के कारण प्रशासनिक सीमाएं भी इसी अवधि में फ्रीज रहेंगी। वार्ड, गांव-शहर, तहसील, उपखंड और जिलों की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और नई प्रशासनिक इकाइयां भी नहीं बनाई जा सकेंगी। गणना के दौरान बाहरी लोगों की भी गिनती होगी। यदि कोई व्यक्ति छह माह से अधिक समय से किसी इलाके में रह रहा है तो उसे उसी इलाके की जनगणना में शामिल किया जाएगा, चाहे वह दूसरे प्रदेश का निवासी हो।

उन्होंने बताया कि इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल मोड में होगी। इसके लिए मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल विकसित किए गए हैं। प्रगणकों को ऐप में ही प्रत्येक घर का विवरण और लोगों की जानकारी भरनी होगी। उन्हें डिजिटल मैप की सुविधा दी जाएगी और पूरी प्रक्रिया की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी—किस कर्मचारी ने कितने लोगों का ब्योरा भरा, किस इलाके में कितने घरों तक पहुंचे, यह सब तुरंत ट्रैक किया जा सकेगा डिजिटल जनगणना होने के कारण एक्यूरेसी लेवल बढ़ेगा और गलतियों की गुंजाइश कम हो जाएगी।

—————

(Udaipur Kiran)

Loving Newspoint? Download the app now