शिमला, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की वर्षा का दौर जारी है और मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज से 14 अगस्त तक कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। विभाग ने चंबा, कांगड़ा और मंडी में आज गरज-चमक के साथ अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और सोलन में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा। 15 से 17 अगस्त तक भारी वर्षा के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 12 अगस्त को चंबा, कांगड़ा और मंडी में ऑरेंज अलर्ट तथा उना, बिलासपुर और सिरमौर में येलो अलर्ट रहेगा। 13 अगस्त को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट, जबकि ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू और शिमला में येलो अलर्ट रहेगा। 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट तथा उना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और सोलन में येलो अलर्ट घोषित किया गया है।
बीती रात भी राजधानी शिमला समेत राज्य के कई हिस्सों में बारिश हुई, जिसमें बिलासपुर जिले के घाघस में 61 मिमी, बिलासपुर शहर में 50, सराहन में 30 और मुरारी देवी में 28 मिमी वर्षा दर्ज हुई। लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों का जलस्तर बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी है। भारी बारिश से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ने की संभावना है, जिससे परिवहन, बिजली और पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार सुबह तक भूस्खलन से 333 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी में 189, कुल्लू में 91, कांगड़ा में 23 और सिरमौर में 11 सड़कें शामिल हैं। कुल्लू जिले में नेशनल हाईवे-305 जहेड खनग के पास बंद है और हल्के वाहन वैकल्पिक मार्ग से गुजर रहे हैं। राज्य भर में बिजली आपूर्ति के 91 ट्रांसफार्मर ठप हैं, जिनमें मंडी में 41, किन्नौर में 22 और सोलन में 19 ट्रांसफार्मर शामिल हैं। जलापूर्ति की 479 योजनाएं बंद हैं, जिनमें कुल्लू में 367, मंडी में 69 और कांगड़ा में 41 स्कीमें प्रभावित हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इस मॉनसून सीजन में अब तक वर्षाजनित हादसों में 224 लोगों की मौत, 36 लापता और 316 घायल हो चुके हैं। मृतकों में मंडी में सबसे ज्यादा 44, कांगड़ा में 33, चंबा में 26, शिमला में 21, कुल्लू में 18, किन्नौर में 16, सोलन में 15, हमीरपुर में 15, ऊना में 13, बिलासपुर में 9, सिरमौर में 8 और लाहौल-स्पीति में 6 शामिल हैं। अब तक 2,040 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 495 पूर्ण रूप से ध्वस्त हैं, जबकि 311 दुकानें और 1,946 पशुशालाएं नष्ट हो चुकी हैं। अकेले मंडी जिला में 1,181 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 405 पूरी तरह ढह गए। प्रदेश में 54 भूस्खलन, 58 बाढ़ और 30 बादल फटने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं।
राज्य में मानसून से कुल नुकसान 1,989 करोड़ रुपये आंका गया है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1,055 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 681 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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