शिमला, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है और राज्य में एक बार फिर भारी से बहुत भारी बारिश का खतरा मंडराने लगा है। मौसम विभाग ने 23 से 26 अगस्त तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही 22 अगस्त को गरज-चमक के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट और 27 अगस्त को भी भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और विशेषकर नदी-नालों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
जिलावार पूर्वानुमान के अनुसार 22 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और कांगड़ा में गरज व आसमानी बिजली के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 23 अगस्त को सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और चंबा जिलों में येलो अलर्ट जबकि कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट रहेगा। 24 अगस्त को ऊना, चंबा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है, वहीं कांगड़ा और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 25 अगस्त को उना, कुल्लू, सोलन और किन्नौर में येलो अलर्ट रहेगा जबकि कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान ऊना जिले में सर्वाधिक 132 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा नंगल डैम में 101 मिलीमीटर, बिलासपुर के नैना देवी में 54, हमीरपुर के सुजानपुर टीहरा में 53, ओलिंडा में 44, अंब में 42, नादौन में 41 और रायपुर मैदान में 30 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। इस दौरान कांगड़ा, सुंदरनगर और मुरारी देवी क्षेत्रों में तेज अंधड़ भी आया।
लगातार बारिश से राज्य भर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार शाम तक प्रदेश में 345 सड़कें बंद पड़ी हैं जिनमें मंडी जिले में 164, कुल्लू में 123 और कांगड़ा जिले में 29 सड़कें शामिल हैं। कुल्लू जिले का नेशनल हाईवे-305 भी कई स्थानों पर अवरुद्ध रहा। इसके अलावा प्रदेश में 281 बिजली ट्रांसफार्मर और 145 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। कुल्लू जिले में सर्वाधिक 196 ट्रांसफार्मर खराब हुए जबकि मंडी में 63 ट्रांसफार्मर बाधित रहे। पेयजल आपूर्ति भी मंडी में 54 और कुल्लू में 78 योजनाओं के बंद रहने से प्रभावित हुई है।
प्रदेश में इस बार का मानसून गहरे जख्म दे रहा है। 20 जून से अब तक मानसून सीजन में 287 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 38 लोग लापता और 346 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी जिले के 48, कांगड़ा के 47, चंबा के 35, शिमला के 27, किन्नौर और कुल्लू के 26-26 लोग शामिल हैं। इस दौरान 2,882 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 650 पूरी तरह से ढह गए। 385 दुकानें और 2,597 पशुशालाएं भी बरसात की भेंट चढ़ गईं। अब तक 1,806 पशुओं और 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत दर्ज की गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार इस मानसून से अब तक प्रदेश को 2,282 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को 1,264 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 753 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। राज्य में भूस्खलन व फ्लैश फ्लड की 74-74 घटनाएं और 39 बार बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं। लगातार बारिश और अलर्ट ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और खतरे वाले इलाकों से दूर रहें।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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