रांची, 3 मई .
राजधानी रांची में शनिवार को ग्राम संसद – झारखंड चैप्टर कॉन्क्लेव-2025 का आयोजन किया गया. ग्राम संसद में राज्यभर से आए पंचायत प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी और नीति विशेषज्ञों ने भाग लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण विकास को नई दिशा देना और नीति निर्माण में जमीनी स्तर पर भागीदारी को बढ़ाना था. कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी भागीदारी की. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से ग्रामीण विकास को नई दिशा देने को गति मिलेगी और नीति निर्माण में जमीनी स्तर पर भागीदारी को बढ़ाना और योजनाओं की पहुंच को अंतिम व्यक्ति तक प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी.
योजनाओं में प्राथमिकता देने की मांग
कार्यक्रम में ग्राम सभाओं की भूमिका को सशक्त करने की मांग हुई. इस दौरान विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई. ग्राम सभाओं की संस्तुतियों को योजनाओं में प्राथमिकता देने की मांग उठी. योजनाओं की निगरानी में समुदाय की भागीदारी पर जोर दिया गया. साथ ही मनरेगा, पीएमएवाई और अन्य योजनाओं में पारदर्शिता के लिए सामाजिक ऑडिट की भूमिका की बात कही गई.
महिला सशक्तिकरण और नेतृत्व पर चर्चा
कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण और नेतृत्व पर भी चर्चा हुई. पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी को केवल प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका में लाने की बात उठी.
मौके पर डिजिटल ग्राम संसद की संकल्पना का मामला भी उठाया गया. इसमें तकनीक के माध्यम से राज्य स्तर पर जमीनी मुद्दों की सीधी रिपोर्टिंग की व्यवस्था पर चर्चा हुई.
कार्यक्रम के समापन पर यह संकल्प लिया गया कि इस प्रकार की ग्राम संसद अब राज्य के विभिन्न जिलों और प्रखंडों में नियमित अंतराल पर लगाई जाएगी. मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने आश्वासन दिया कि वे विधानसभा स्तर पर इन चर्चाओं में आए सुझावों को सरकार के समक्ष रखेंगी.
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/ Vinod Pathak
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