— चौथी साहीवाल बछिया का जन्म भ्रूण स्थानांतरण तकनीक से
वाराणसी,31 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कृषि विज्ञान संस्थान, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान संकाय, बरकछा भ्रूण स्थानांतरण तकनीक में नई उपलब्धि हासिल की है। देशी पशुधन नस्लों के संरक्षण के निरंतर प्रयास से पशुपालन संकाय ने लिंग-परिक्षित वीर्य और ईटी तकनीक से चौथी साहीवाल बछिया का जन्म कराया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेभीवाई) परियोजना के अंतर्गत यह उपलब्धि मिली है। इस कार्यक्रम के संचालन प्रमुख अन्वेषक डॉ. मनीष कुमार के अनुसार 29 अगस्त, 2025 को एक सरोगेट गाय ने स्वस्थ 22.2 किलोग्राम वज़न की साहीवाल बछिया को जन्म दिया। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में लिंग-परिक्षित वीर्य का प्रयोग किया गया, जिससे मादा बछिया का जन्म संभव हुआ।
यह उपलब्धि, बीएचयू के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान संकाय में परियोजना के सफलता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से पूर्व में जन्मे तीनों बछड़े स्वस्थ हैं और सामान्य विकास दर से बढ़ रहे हैं। अब इस नई बछिया के जन्म से परियोजना की सफलता और निरंतरता स्पष्ट हो रही है, जो यह सिद्ध करता है कि सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) देशी नस्लों की आनुवंशिक क्षमता को और बेहतर बनाने में अत्यंत प्रभावी है। यह परियोजना सह-अन्वेषक डॉ. कौस्तुभ किशोर सर्राफ और डॉ. अजीत सिंह के सहयोग से किया जा रहा है। बीएचयू की टीम उन्नत प्रजनन तकनीकों को अपनाने और किसानों तक पहुँचाने के लिए लगातार प्रयासरत है, जिससे किसानों की आर्थिक उन्नति के साथ-साथ देशी नस्लों का संरक्षण भी सुनिश्चित हो सके।
इस उपलब्धि पर प्रो. यू. पी. सिंह ( निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान), प्रो. वी. के. मिश्रा ( प्रोफेसर इंचार्ज),प्रो. अमित राज गुप्ता, (डीन, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान संकाय) ने संयुक्त रूप से खुशी जताई। और कहा कि भ्रूण स्थानांतरण तकनीक से आनुवंशिक सुधार की गति तेज होगी, दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, लागत घटेगी और किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे न केवल पशुधन की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि किसानों की दीर्घकालिक स्थिरता और लाभप्रदता भी सुनिश्चित होगी।
उन्होंने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए किसानों, विशेषकर विंध्य क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों की आजीविका सुधार के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
You may also like
अटॉर्नी जनरल ने हाई कोर्ट से कहा – बर्खास्तगी की प्रक्रिया 'पूरी तरह अवैध'
राजस्थान: स्कूल में छात्राओं के साथ करता था यौन उत्पीड़न, लेक्चरर पति का पत्नी ने ही खोल दिया राज
अल्लू अर्जुन ने दादी के निधन के बाद मुंबई में काम पर लौटने की की शुरुआत
कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में कटौती, 1 सितंबर से लागू
Yamaha R15 के प्रतिस्पर्धियों की तुलना: कीमत, प्रदर्शन और स्पेसिफिकेशन