हुगली, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) ।जिले के आरामबाग में द्वारकेश्वर नदी पर स्थित रामकृष्ण सेतु की हालत दिनों-दिन बदतर होती जा रही है। इस पुल की स्थिति जर्जर होने के बावजूद इस पर से होकर प्रतिदिन सैकड़ों ओवरलोडेड ट्रक, हजारों सरकारी और निजी बसें तथा अन्य भारी वाहन गुजरते हैं।
रामकृष्ण सेतु दक्षिण बंगाल के दो मेदिनीपुर, झाड़ग्राम और बांकुड़ा जिलों को हुगली जिले से जोड़ने वाला एकमात्र संपर्क मार्ग है। यही वजह है कि इस पुल पर यातायात का दबाव हमेशा अधिक रहता है।
लेकिन वर्तमान में पुल के कंक्रीट की परतें टूट चुकी हैं और भीतर से लोहे की सरिए बाहर निकल आई हैं। पुल की साइड में भी लोहे की छड़ें जंग खाकर कमजोर हो चुकी हैं। पिच की परत उखड़ चुकी है, जिससे पुल की सतह बेहद खराब हो गई है। जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं और सड़क ऊबड़-खाबड़ हो गई है।
हालात की गंभीरता के बावजूद पुल पर महज एक चेतावनी बोर्ड लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि पुल कमजोर है। परंतु इसके बावजूद भारी ओवरलोडेड ट्रकों की आवाजाही लगातार जारी है। जिससे पुल में कंपन महसूस होता है। स्थानीय लोग दहशत में हैं कि कहीं यह पुल भी गुजरात के मोरबी हादसे की तरह किसी दिन अचानक न ढह जाए।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि हमें बहुत परेशानी हो रही है। नदी में बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है, और पुल की हालत खराब होने से गाड़ियां सुचारू रूप से नहीं चल पा रही हैं। यातायात में बहुत दिक्कत हो रही है। हम डरे हुए हैं कि कोई बड़ी दुर्घटना न हो जाए। दें
द्वारकेश्वर नदी के किनारे बसा आरामबाग शहर फिलहाल इसी एक पुल पर निर्भर है। यदि प्रशासन शीघ्र मरम्मत कार्य या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करता, तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। स्थानीय लोगों और दैनिक यात्रियों ने जल्द से जल्द पुल की मरम्मत और भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक की मांग की है।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
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