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अनुसंधान में तकनीकी विशेषज्ञता का बेहतर उपयोग करें : सांगवान

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धौलपुर, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले के पुलिस महकमे के तत्वावधान में मंगलवार को जनपद कलक्ट्रेट सभागार में अनुसंधान अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में एक जुलाई 2024 से देश भर में लागू की गई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की नवीन आपराधिक विधियों (कानूनों) के बेहतर क्रियान्वयन पर मंथन किया गया।

इस मौके पर जिला पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया कि नये कानूनों के बेहतर क्रियान्वयन के मामले में सर्किल धौलपुर का मॉडल सर्किल के रुप में चयन किया गया है। जिसमें सभी को अनुसंधान के दौरान नये कानूनों व उनके क्रियान्वयन के सम्बंध में आवश्यक जानकारियां दी जा रही हैं। पुलिस अधीक्षक ने अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार, तकनीकी साधनों के उपयोग, सीसीटीवी विश्लेषण, साईबर साक्ष्य के समुचित संकलन व अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी के सम्बंध में विशेष निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि अपराधों की रोकथाम के लिये सिर्फ तत्काल कार्रवाई नहीं बल्कि मजबूत अनुसंधान व वैज्ञानिक साक्ष्य का संकलन जरूरी है। उन्होंने लम्बित मामलों पर कहा कि अपराधियों को सजा दिलवाने के लिये जांच को समयबद्ध व सुसंगठित बनाना आवश्यक है। साथ ही सभी थानाधिकारियो को निर्देशित किया कि वे गंभीर अपराधों में स्वयं निगरानी रखते हुये तकनीकी विशेषज्ञता का बेहतर उपयोग करें।

पुलिस अधीक्षक ने अनुसंधान अधिकारियों से क्षेत्र में आपराधिक प्रकरणों की जानकारी लेते हुये प्रत्येक प्रकरण में निष्पक्ष, प्रमाणिक व संवेदनशील जांच का संदेश देते हुये कहा कि पुलिस की जनता में भरोसेमंद व सशक्त छवि बने, इसके लिये पारदर्शिता, अनुशासन व संवेदनशीलता को अपनी कार्यशैली का हिस्सा बनायें। कानून व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने के लिये निरन्तर फिल्ड विजिट, रात्रि गश्त व सूचना संकलन की प्रक्रिया को मजबूत किया जाये। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिकाऊ प्रकोष्ठ हवा सिंह एवं वृत्ताधिकारी वृत धौलपुर मुनेश मीणा सहित सर्किल के समस्त थानाधिकारी एवं अनुसंधान अधिकारी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / प्रदीप

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