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पं. नेहरू ने बाबा साहब के साथ हमेशा भेदभाव किया : डॉ. मोहन यादव

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इंदौर, 29 अप्रैल . मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बाबा साहब डा. भीमरावआंबेडकर के साथ हमेशा भेदभाव किया. जब यह तय हो गया कि बाबा साहब ही संविधान सभा के अध्यक्ष होंगे, तो पं. नेहरू ने इसे लंबे समय तक टाला. वहीं, चुनाव में डॉ. आंबेडकर को हराने में लगे रहे. जीवित रहते हुए तो मनमुटाव हो सकता है, लेकिन मृत्यु के उपरांत तो भेदभाव और रंजिश छोड़ देना चाहिए. लेकिन पं. नेहरू ने बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी उनसे द्वेष रखा और दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. जिस विमान से बाबा साहब की पार्थिव देह मुंबई भेजी गई, उसका किराया चुकाने के लिये भी बाबा साहब की पत्नी को बिल थमा दिया गया. बाबा साहब के साथ इतना द्वेष पूर्ण व्यवहार करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब के नाम पर ही वोट मांग रही है, संविधान यात्रा निकालने का ढोंग कर रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को इंदौर में डॉ. आंबेडकर सम्मान अभियान के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने समाज को शिक्षित एवं जागरूक बनाने के लिए लड़ाई शुरु की. बाबा साहब का सरनेम सकपाल था, लेकिन उन्होंने अपने ब्राह्मण गुरु के सरनेम आंबेडकर को जीवन भर अपने नाम के साथ रखा. बाबा साहब ने कहा कि देश की हर चीज़, हर संसाधन पर सभी का समान अधिकार है, चाहे वह किसी भी वर्ग से आता हो.

बाबा साहब सिर्फ दलितों के नहीं, हम सभी के नेता थे : वसुंधरा राजे

भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि बाबा साहब डॉ. आंबेडकर सिर्फ दलितों के नेता नही थे, बल्कि वे हम सभी के नेता थे. उनका कहना था कि शिक्षा बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा था कि हम में से कोई किसी भी जाति का हो, कोई भी काम करता हो, लेकिन हम सब बराबर हैं. ईश्वर भी किसी से भेदभाव नहीं करते और वे सभी के हैं. उन्होंने कहा कि आज देश के हर गरीब, हर पिछड़े व्यक्ति के मन में यह आत्मविश्वास है कि जिन्होंने देश का संविधान बनाया, वो बाबा साहब हमारे बीच से ही थे. यह आत्मविश्वास बाबा साहब ने ही जगाया. बाबा साहब ने सभी वर्गों को एक नज़र से देखा और उनके द्वारा लिखा गया संविधान मात्र कानून की किताब नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक माध्यम है.

उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि हिम्मत इतनी बड़ी रखो कि किस्मत छोटी लगने लगे और जीवन लंबा रखने की बजाए महान रखो. सफ़लता कभी पक्की नही होती, न ही अंतिम होती है. बुरा अच्छा समय सबके जीवन मे आता है, लेकिन रुकना नही है. अपने जीवन के संघर्ष को, मेहनत को इतिहास बनाओ. लड़ते जाओ और धैर्य के साथ आगे बढ़ते जाओ. अगर अच्छा काम करोगे तो तुम्हारा समय भी आएगा. काम के साथ पहचान भी मिलेगी, यही जीत है. वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब की हमेशा ही उपेक्षा की. कांग्रेस ने उन्हें दलित माना, जबकि भाजपा ने उन्हें ललित मानकर सम्मान दिया.

कांग्रेस ने बाबा साहब को हराने में पूरी ताकत लगा दी थी-

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब को चुनाव हराने के लिए उस समय के मशहूर क्रिकेटर को चुनाव में उतारा, लेकिन जीत सच्चाई की हुई. कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी बाबा साहब को हराने में, लेकिन बाबा साहब जीते. बाबा साहब सच की आवाज़ थे. लेकिन बाबा साहब ने कांग्रेस सरकार के तौर तरीकों से दुखी होकर इस्तीफा दे दिया. उनकी मृत्यु के बाद भी कांग्रेस ने दिल्ली में उनका दाह संस्कार नहीं होने दिया जबर्दस्ती मुंबई में दाह संस्कार करवाया. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दिल्ली सहित बाबा साहब के जीवन से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कराया. संसद में उनका चित्र स्व. अटलबिहारी वाजपेयी ने लगावाया. मुंबई में बाबा साहेब का स्टेच्यू ऑफ़ इक्वलिटी बनाने का काम चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा बाबा साहब की जयंती के अवसर में 120 देश मे गोष्ठियां कराई गई. बाबा साहब सिर्फ राजनीतिक चेहरा नहीं हैं, बल्कि करोड़ो भारतीयों को अधिकार देने वाले महान व्यक्तित्व हैं. देश उन्हें युगों-युगों तक याद करेगा.

कांग्रेस ने बाबा साहब को लोकप्रियता नहीं मिलने दीः विजयवर्गीय

नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में अनेक ऐसे नेता हुए हैं, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्ग के लिए लड़ाई लड़कर उनका कल्याण किया है. नेल्सन मंडेला ने अश्वेत नस्लवाद के खिलाफ सँघर्ष किया. लगभग दो करोड़ अफ्रीकन के हक के लिए लड़ाई लड़ी और सफलता भी हासिल की. मार्टिन लूथर किंग ने दासप्रथा समाप्त करने के लिए संघर्ष किया. वहीं, भारत मे बाबा साहब ने दलित और पिछड़े वर्गों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया. बाबा साहब को विश्व स्तर पर जो सम्मान मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला क्योंकि कॉंग्रेस ने सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ाया. कांग्रेस ने बाबा साहब के नाम पर राजनीति तो की लेकिन बाबा साहब को लोकप्रियता नहीं मिलने दी.

उन्होंने कहा कि भाजपा ने बाबा साहब के आदर्शों पर चल कर दिखाया और बाबा साहब को सम्मान दिलवाया. बाबा साहब की जयंती के अवसर पर भाजपा ने 10 दिवसीय बाबा साहब सम्मान अभियान चलाया और बाबा साहब के कार्यां को विश्वव्यापी पहचान औऱ सम्मान दिलाया. बाबा साहब के कार्यो को जन जन तक पहुँचाने का कार्य भाजपा कर रही है. संगोष्ठी को मंत्री तुलसी सिलावट ने भी संबोधित किया.

इस अवसर पर वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, पूर्व सांसद नारायणसिंह केसरी, पार्टी की प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार, इन्दौर संभाग प्रभारी राघवेन्द्र गौतम, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, जिला अध्यक्ष सुमित मिश्रा, विधायक महेन्द्र हार्डिया, रमेश मेन्दोला, मालिनी गौड़, मधु वर्मा समेत बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे.————

तोमर

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