मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द महाराजपुर के ड्योढ़ीघाट स्थित गंगा किनारे स्थापित अंतरराष्ट्रीय धम्म कल्याण केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने लगभग ढाई घंटे का समय बिताया और करीब एक घंटे तक विपश्यना साधना की। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र के आचार्य एम एल शंखवार से साधकों के लिए आयोजित सतत चल रहे शिविरों की जानकारी भी ली।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि ध्यान केंद्र द्वारा दी जा रही विपश्यना साधना लोगों को जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने इस साधना पद्धति को न केवल मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बताया, बल्कि इसे जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने वाला बताया। उनका मानना है कि विपश्यना साधना से व्यक्ति अपने भीतर की अशांति और तनाव से मुक्त होकर सुख-शांति का अनुभव कर सकता है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने केंद्र प्रमुख अशोक साहू का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति का हार्दिक स्वागत किया और केंद्र के उद्देश्यों तथा कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। अशोक साहू ने बताया कि यह केंद्र निरंतर साधना शिविरों का आयोजन करता है, जहां देश-विदेश से साधक ध्यान की इस पद्धति को सीखने आते हैं।
राम नाथ कोविन्द ने केंद्र के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे ध्यान केंद्र समाज में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन में विपश्यना जैसी साधनाएं मानव जीवन के लिए बेहद आवश्यक हैं।
आचार्य एम एल शंखवार ने पूर्व राष्ट्रपति को बताया कि केंद्र में नियमित रूप से विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के लिए ध्यान शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिनमें युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक भाग लेते हैं। इन शिविरों में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।
पूर्व राष्ट्रपति ने केंद्र के शांत वातावरण और गंगा के पावन किनारे स्थित होने की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य के बीच ऐसी आध्यात्मिक साधनाएं और भी प्रभावशाली होती हैं और व्यक्ति को आंतरिक शांति की अनुभूति होती है।
इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, साधक और क्षेत्र के अनेक लोग भी उपस्थित थे, जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को केंद्र के इस महत्वपूर्ण कार्य में सफलता की शुभकामनाएं दीं।
अंत में राम नाथ कोविन्द ने कहा कि वे इस केंद्र के प्रयासों को आगे बढ़ाने और अधिक से अधिक लोगों तक ध्यान की इस पद्धति को पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में नियमित ध्यान को शामिल करें ताकि वे तनावमुक्त और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें।
You may also like
क्यों वर्जित है मक्का मदीना में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश?ˈ जानिए ऐसा सच जो आपको नहीं पता होगा
हैदराबाद की आरएसबी रिटेल इंडिया का 500 करोड़ रुपये का IPO लाने का प्लान, SEBI के पास दाखिल किया DRHP
लहसुन को जेब में रखने से होते है येˈ जबरदस्त फायदे
Instant e-PAN सर्विस इन 2 दिन रहेगी बंद, जानें कारण और तारीख
गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं काटते सांप? विज्ञान नेˈ खोज निकाला अनोखा राज कारण जान आप भी कहेंगे 'अद्भुत