अगर आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो राजस्थान से बाहर जाने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। दरअसल, ऐतिहासिक धरोहरों के लिए मशहूर राजस्थान में कई ऐसी जगहें हैं जिन्हें आप अपने टूर प्लान में शामिल कर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं। राजस्थान में कुछ ऐसी खूबसूरत जगहें हैं जहां मानसून में मौसम और भी सुहाना हो जाता है। आइए जानते हैं राजस्थान की 10 ऐसी जगहों के बारे में जहां हर किसी को मानसून में एक बार जरूर जाना चाहिए।
कुलधरा गांव
अगर आपको भूतिया जगहें पसंद हैं तो आपको सबसे पहले जैसलमेर से 18 किलोमीटर दूर कुलधरा गांव जरूर जाना चाहिए। इसे शापित गांव भी कहा जाता है। यह गांव करीब 200 सालों से वीरान पड़ा है। दिन के उजाले में कई लोग इस गांव में घूमने आते हैं लेकिन अंधेरा होते-होते फिर से सन्नाटा पसरने लगता है। इसलिए कुलधरा निश्चित तौर पर राजस्थान में घूमने के लिए सबसे अनोखी और डरावनी जगहों में से एक है।
सिटी पैलेस जयपुर
सिटी पैलेस भारत के सबसे बड़े महलों में से एक है। इसमें मुबारक महल, चंद्र महल और कई अन्य इमारतें हैं। यह जयपुर के महाराजा का घर था। यह महल जयपुर के बीचों-बीच है और इसकी वास्तुकला बेहद खूबसूरत है। इसमें कई आंगन, बगीचे और इमारतें हैं। यह जयपुर की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। भारत ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां घूमने आते हैं।
अजमेर शरीफ दरगाह
ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह, जिसे अजमेर शरीफ के नाम से भी जाना जाता है। यह राजस्थान के अजमेर में स्थित है। यह दरगाह संत मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार है। अजमेर शरीफ दरगाह तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में है और अजमेर रेलवे स्टेशन से केवल 2 किमी दूर है। अजमेर शरीफ दरगाह राजस्थान की सबसे मशहूर जगहों में से एक है।
आमेर किला
गुलाबी नगर जयपुर सिर्फ सिटी पैलेस के लिए ही नहीं बल्कि कई जगहों के लिए भी जाना जाता है। इसमें आमेर किला भी शामिल है। यह खूबसूरत किला गुलाबी और पीले बलुआ पत्थर से बना है। इसे जयपुर का मुकुट माना जाता है और इसे देखने के लिए हर दिन करीब 5,000 पर्यटक आते हैं। अपनी शाही खूबसूरती के लिए इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। आमेर किले में बड़ी-बड़ी रंगीन दीवारें और कई खूबसूरत प्रवेश द्वार हैं, जो इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं।
जल महल
क्या आपने कभी पानी के अंदर बना महल देखा है, अगर नहीं तो जयपुर आइये। यहां जल महल है, जो चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है। शाम के समय यहां पर्यटकों की काफी भीड़ उमड़ती है। अब यह जगह प्री-वेडिंग शूट के लिए मशहूर हो गई है। कोई भी पर्यटक यहां से फोटो खिंचवाए बिना नहीं जाता। लहरदार पानी और सूरज की किरणों की चमक इस महल की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है। खाने के शौकीनों के लिए यहां कई दुकानें भी हैं। इसके साथ ही यहां घर सजाने के लिए भी अच्छी चीजें मिल जाती हैं।
नाहरगढ़ किला
नाहरगढ़ किला अरावली पहाड़ियों के खूबसूरत नजारों के बीच स्थित है, जो जयपुर शहर में काफी मशहूर है। अगर आप जयपुर घूमने आते हैं, तो इस जगह को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। सुबह-सुबह यहां का नजारा बेहद खूबसूरत होता है। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए यह जगह जन्नत है। यहां से आप उगते सूरज की लालिमा भी देख सकते हैं। इसके साथ ही यहां एक म्यूजियम और शीशमहल भी स्थित है।
जयगढ़ किला
जयगढ़ किला राजस्थान के अरावली पहाड़ों में है। इसका निर्माण 1726 में राजा जय सिंह ने आमेर किले को मजबूत बनाने के लिए करवाया था। इसके ऊपर से आप आमेर किले का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। यह राजस्थान में घूमने के लिए बहुत प्रसिद्ध जगहों में से एक है। इस किले के अंदर दुनिया की सबसे बड़ी जयबाण तोप है। तोप की बैरल की लंबाई 6.15 मीटर (20.2 फीट) है और इसका वजन 50 टन है। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने आमेर किले की सुरक्षा के लिए इसका निर्माण करवाया था। एशिया की सबसे बड़ी तोप के रूप में जानी जाने वाली इस तोप से निकला गोला 30 किलोमीटर दूर जाकर गिरा। जहां यह गोला गिरा वहां एक तालाब बन गया।
हवा महल
हवा महल जयपुर में सिटी पैलेस कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है। इसे भगवान कृष्ण के मुकुट की तरह डिज़ाइन किया गया है। यह इमारत गुलाबी और लाल बलुआ पत्थर से बनी है और जयपुर के पुराना बाज़ार में स्थित है। महल में 953 खिड़कियाँ हैं। यह पाँच मंज़िला इमारत 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने शाही महिलाओं के लिए बनवाई थी ताकि वे सड़क से रोज़मर्रा की ज़िंदगी और समारोह देख सकें।
You may also like
वायु सेना के अद्भुत प्रदर्शन ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
गम्हरिया प्रखंड को मिला देश का सर्वोच्च प्रशासनिक सम्मान, प्रधानमंत्री करेंगे सम्मानित
छतरपुरः पत्नी के साथ इलाज कराने पहुंचे बुजुर्ग को डॉक्टर ने पीटा, घसीटकर ले गए पुलिस चौकी
पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा लोको पायलटों की कार्य स्थितियों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास
मसीही समाज ने मनाया ईस्टर पर्व, गिरिजाघरों में की प्रार्थना, निकाला जुलूस