भारतीय संस्कृति में देवी-देवताओं से जुड़ी अनेक मान्यताएं, परंपराएं और रीतियां प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक है – घर या दुकान के दरवाजे पर नींबू और सात हरी मिर्च लटकाना। आपने देखा होगा कि अधिकतर लोग अपने घरों, दुकानों, ऑफिस और वाहनों के सामने यह उपाय करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस परंपरा का संबंध माता लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी से जुड़ा हुआ है? आइए जानते हैं इसके पीछे की धार्मिक मान्यता और आध्यात्मिक रहस्य।
कौन हैं माता लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी?हिंदू धर्म में अलक्ष्मी को दरिद्रता, कलह, दुर्भाग्य और नकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब माता लक्ष्मी अमृत कलश के साथ प्रकट हुईं, उसी समय अलक्ष्मी भी प्रकट हुई थीं। जहां लक्ष्मी जी धन, ऐश्वर्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक हैं, वहीं अलक्ष्मी विपरीत प्रभाव लाने वाली मानी जाती हैं। यही कारण है कि लोग इन्हें अपने घर या व्यापारिक स्थानों में प्रवेश नहीं करने देना चाहते।
नींबू-मिर्च क्यों लटकाई जाती है?नींबू और हरी मिर्च को घर के मुख्य दरवाजे पर लटकाने की परंपरा नजर दोष और अलक्ष्मी को रोकने के लिए प्रचलित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अलक्ष्मी को खट्टे और तीखे स्वाद बहुत पसंद होते हैं। जब दरवाजे पर नींबू और मिर्च लटकी होती है, तो अलक्ष्मी उसे खाकर तृप्त हो जाती हैं और अंदर प्रवेश नहीं करतीं। इस प्रकार यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को द्वार पर ही रोक देता है।
वैज्ञानिक नजरिया क्या कहता है?इस परंपरा को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। पुराने समय में जब नींबू-मिर्च में सूत पिरोकर लटकाया जाता था, तो उसमें से निकलने वाला रस हवा में घुलकर कीटाणुओं और कीड़ों को भगाने में मदद करता था। इसके साथ ही इसकी तीखी गंध वातावरण को शुद्ध करने का काम करती थी। इस कारण यह प्रथा न सिर्फ आध्यात्मिक रूप से बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी मानी जाती थी।
सप्ताह के किस दिन नींबू-मिर्च लटकाना शुभ?विशेष रूप से शनिवार या मंगलवार को नींबू-मिर्च लटकाने का प्रचलन अधिक है। इन दिनों को शनि और मंगल ग्रह से जुड़ा माना जाता है, जिनका प्रभाव अगर नकारात्मक हो तो व्यापार, घर-परिवार और स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए इन ग्रहों को शांत करने और अलक्ष्मी को बाहर रखने के लिए यह उपाय कारगर माना गया है।
निष्कर्ष:भारतीय संस्कृति में हर परंपरा के पीछे कोई न कोई धार्मिक, मनोवैज्ञानिक या वैज्ञानिक आधार होता है। घर के दरवाजे पर नींबू और मिर्च लटकाने की परंपरा सिर्फ एक अंधविश्वास नहीं, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने और शुभता बनाए रखने का प्रतीकात्मक उपाय है। यह मान्यता आज भी लोगों के विश्वास और अनुभवों से जुड़ी हुई है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। चाहे आप इसे धार्मिक मानें या वैज्ञानिक, यह परंपरा भारतीय संस्कृति की गहराई और प्रतीकात्मकता को दर्शाती है।
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