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Jaipur City Palace को देखमेख लिए क्यों दुनियाभर से आते है पर्यटक? वीडियो में इसके प्रमुख आकर्षण देख आप भी निकल पड़ेंगे घूमने

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राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित सिटी पैलेस (City Palace) न सिर्फ इस गुलाबी शहर की पहचान है, बल्कि यह भारत के प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों में भी गिना जाता है। हर साल हजारों देसी और विदेशी पर्यटक इस महल को देखने आते हैं, और इसके अद्भुत वास्तुशिल्प, राजसी इतिहास और संग्रहालयों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। सवाल यह है कि आखिर जयपुर सिटी पैलेस में ऐसा क्या खास है, जो इसे दुनियाभर के पर्यटकों के लिए इतना आकर्षक बनाता है? आइए जानते हैं।

 

इतिहास की झलकियाँ: एक महल, अनेक कहानियाँ

जयपुर सिटी पैलेस का निर्माण 18वीं सदी की शुरुआत में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था, जब उन्होंने आमेर से राजधानी को जयपुर स्थानांतरित किया। यह महल शाही परिवार का निवास स्थान भी रहा है और आज भी इसके एक हिस्से में जयपुर का राजघराना रहता है।सिटी पैलेस न केवल एक महल है, बल्कि यह राजपूताना, मुग़ल और यूरोपीय वास्तुकला का बेहतरीन संगम है। इसकी दीवारें, खंभे, आंगन और छतें इतनी बारीकी से सजाई गई हैं कि हर कोना एक कहानी कहता है।

प्रमुख आकर्षण जो बनाते हैं इसे खास

1. मुबारक महल:

सिटी पैलेस में प्रवेश करते ही सबसे पहले नज़र आता है मुबारक महल, जिसे स्वागत भवन भी कहा जाता है। इसे महाराजा सवाई माधो सिंह द्वितीय ने बनवाया था। आज यह एक वस्त्र संग्रहालय है जहाँ राजपरिवार द्वारा पहने गए राजसी वस्त्र, ब्रोकेड, सिल्क और कश्मीरी शॉल जैसे पोशाकों का प्रदर्शन होता है।

2. चंद्र महल:

यह महल सात मंज़िलों वाला है और इसका एक हिस्सा आज भी शाही परिवार का निवास है। इसकी ऊपरी मंजिलों में आम लोगों का प्रवेश वर्जित है, लेकिन निचले हिस्से को संग्रहालय के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ राजवंश की धरोहरें, हथियार, चित्रकला और पोशाकें रखी गई हैं।

3. दीवान-ए-खास और दीवान-ए-आम:

यह दो बड़े हॉल हैं जिनका इस्तेमाल पहले शाही सभाओं और जन सुनवाई के लिए किया जाता था। दीवान-ए-खास में दो विशाल चांदी के कलश रखे गए हैं, जिनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। ये कलश इंग्लैंड की यात्रा के दौरान पवित्र गंगाजल ले जाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे।

4. पिताम्बर द्वार और चार प्रमुख दरवाज़े:

सिटी पैलेस में चार बेहद खूबसूरत दरवाजे हैं जो चार अलग-अलग ऋतुओं और देवी-देवताओं को समर्पित हैं। ये दरवाजे - लेहरिया गेट (ग्रीष्म), गुलाबी गेट (शरद), फूल मंडल गेट (वसंत) और रिद्धि-सिद्धि गेट (शरद) - पर्यटकों के लिए फोटो पॉइंट बन चुके हैं।

संग्रहालयों और प्रदर्शनों की दुनिया

सिटी पैलेस में कई संग्रहालय भी स्थित हैं। सरस्वती भवन में दुर्लभ पांडुलिपियाँ और प्राचीन पुस्तकें रखी गई हैं। वहीं आर्ट गैलरी में पारंपरिक राजस्थानी चित्रकलाएँ, युद्ध के हथियार, शाही परिधान और दुर्लभ वस्तुएँ दर्शकों को बीते युग में ले जाती हैं।

आधुनिक सुविधाओं से लैस है परिसर

पर्यटकों के लिए यहाँ गाइडेड टूर, ऑडियो गाइड, कैफे, गिफ्ट शॉप्स और हैंडीक्राफ्ट स्टॉल्स की सुविधा है। साथ ही, महल परिसर में कई बार राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जो अनुभव को और भी रंगीन बना देते हैं।

क्यों दुनिया भर से आते हैं सैलानी?

जयपुर का सिटी पैलेस केवल एक इमारत नहीं, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक आत्मा का भव्य प्रदर्शन है। इतिहास, कला, वास्तुकला और शाही जीवनशैली में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए यह एक स्वर्ग के समान है। चाहे विदेशी पर्यटक हों या भारतीय इतिहास प्रेमी, हर कोई यहाँ आकर एक शाही युग के वैभव को अनुभव करता है।

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