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धन की कमी से जूझ रहे हैं तो हर बुधवार करें श्री गणेश अष्टकम का पाठ, फिर देखिये मां लक्ष्मी कैसे बदलती है आपका भाग्य

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आज के समय में आर्थिक तंगी और धन की कमी हर घर में किसी न किसी रूप में दस्तक देती है। बढ़ती महंगाई, नौकरी में स्थायित्व की कमी, व्यवसाय में घाटा या निवेश में नुकसान – ये सभी कारण व्यक्ति को मानसिक तनाव और चिंता में डाल देते हैं। ऐसी स्थिति में जब सारे प्रयास निष्फल हो जाएं और उम्मीद की कोई किरण नज़र न आए, तब आध्यात्मिक उपायों का सहारा जीवन में नई ऊर्जा और उम्मीद ला सकता है।ऐसा ही एक अत्यंत प्रभावशाली और सिद्ध उपाय है – "श्री गणेश अष्टकम स्तोत्र का पाठ"। खासतौर पर हर बुधवार को यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक यह स्तोत्र पढ़ा जाए, तो यह न केवल आर्थिक परेशानियों को दूर करता है, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी स्थायी रूप से घर पर बनी रहती है।


श्री गणेश अष्टकम: अर्थ और महत्व
श्री गणेश अष्टकम एक ऐसा स्तोत्र है जिसमें भगवान गणेश की आठ विशेष स्तुतियों का वर्णन किया गया है। यह अष्टकम संस्कृत में रचित है और इसमें भगवान गणेश के विभिन्न रूपों, गुणों और शक्तियों का उल्लेख मिलता है। यह स्तोत्र ना केवल विघ्नों को दूर करता है, बल्कि यह व्यक्ति को बुद्धि, यश, धन, सुख और शांति प्रदान करता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश विघ्नहर्ता होने के साथ-साथ रिद्धि और सिद्धि के दाता भी हैं। जहां गणेश का वास होता है, वहां स्वतः ही मां लक्ष्मी का भी वास हो जाता है। इसलिए श्री गणेश अष्टकम का पाठ करना केवल विघ्नों को दूर नहीं करता, बल्कि जीवन में समृद्धि, स्थायित्व और आर्थिक संतुलन भी लाता है।

हर बुधवार क्यों है खास?
बुधवार को भगवान गणेश का विशेष दिन माना जाता है। यह दिन "बुद्धि, व्यापार और संवाद" से जुड़ा होता है। ज्योतिष में बुध ग्रह बुद्धिमत्ता, तर्क और वित्त से संबंधित होता है, और इसका संबंध गणपति से माना गया है। यदि किसी की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है या व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है, तो गणेश जी की आराधना से लाभ मिल सकता है।बुधवार को श्री गणेश अष्टकम का पाठ करने से बुद्ध ग्रह की शुभता बढ़ती है, और इससे व्यवसाय, नौकरी और निवेश से जुड़े निर्णयों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।

पाठ की विधि
श्री गणेश अष्टकम का पाठ करने के लिए किसी बड़ी पूजा की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि श्रद्धा और नियमितता हो, तो यह पाठ अचूक फल प्रदान करता है। नीचे पाठ की सरल विधि दी गई है:

बुधवार के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
अपने घर के मंदिर या पूजन स्थल पर गणेश जी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक, लड्डू और पीले पुष्प अर्पित करें।
मन को एकाग्र कर "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 11 बार जप करें।


इसके बाद श्री गणेश अष्टकम स्तोत्र का पाठ करें (संस्कृत श्लोक + अर्थ का उच्चारण करें तो उत्तम)।
पाठ के अंत में गणेश जी की आरती करें और परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें।

श्री गणेश अष्टकम पाठ से प्राप्त होने वाले लाभ
निरंतर धन की प्राप्ति और स्थायी समृद्धि


घर और व्यवसाय में अड़चनों का समाधान
निवेश में सफलता और उधार से मुक्ति
विद्यार्थियों को बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि
जीवन में सौभाग्य, संतुलन और सकारात्मकता का प्रवाह
घर में शांति और परिवार में प्रेम का माहौल

मां लक्ष्मी की विशेष कृपा
जहां गणपति विराजते हैं, वहां लक्ष्मी स्वतः चली आती हैं। यह शास्त्रों में भी कहा गया है कि भगवान विष्णु की कृपा से लक्ष्मी आती हैं, लेकिन भगवान गणेश की कृपा से वह स्थायी होती हैं। अतः यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में धन बना रहे, तो केवल दान या कर्म ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना का मार्ग भी अपनाना चाहिए।

यदि आप लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, आय के स्रोत बंद हो गए हैं, या व्यापार में बार-बार घाटा झेलना पड़ रहा है, तो हर बुधवार श्री गणेश अष्टकम स्तोत्र का पाठ एक चमत्कारी उपाय साबित हो सकता है। यह न केवल आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाएगा, बल्कि मानसिक शांति और आत्मबल भी प्रदान करेगा। याद रखें – श्रद्धा, नियमितता और निष्ठा से की गई भक्ति कभी व्यर्थ नहीं जाती।

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