इंटरनेट डेस्क। सावन माह में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है, जो पितरों के श्राद्ध के लिए अत्यंत शुभ है। हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण करना भी अति शुभ माना जाता है, जिससे जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है, भगवान शिव इस दिन विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
जाने कब हैं हरियाली अमावस्या
23 जुलाई की रात 2.29 बजे से शुरू होकर 24 जुलाई को रात 12.41 बजे तक चलने वाली इस अमावस्या पर गुरु पुष्य नक्षत्र योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास योग, हर्षण योग, तथा सर्वा अमृत योग बन रहे हैं। इन योगों में किए गए शिव पूजा, तर्पण और दान से पितृदोष से मुक्ति, आर्थिक उन्नति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
क्या करें
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पितरों के लिए पिंडदान और दान-पुण्य करें। इससे पितरों को मोक्ष मिलता है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।
पितृसूक्त, गीता, गरुड़ पुराण या पितृ कवच का पाठ करें या विद्वान पंडित से करवाएं। पितरों की शांति हेतु ब्राह्मणों को भोजन करवाएं
आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए घर के ईशान कोण में लाल रंग के धागे से बनी बत्ती में घी का दीपक जलाएं, ध्यान रखें कि बत्ती रूई की न हो और दीपक में केसर की कुछ बूँदें जरूर डालें।
हरियाली अमावस्या की रात पूजा घर की थाली में ‘ऊँ’ अक्षर बनाकर महालक्ष्मी यंत्र रखें और विधिपूर्वक उसकी पूजा-अर्चना करें, इससे घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और लक्ष्मी का वास होता है।
pc- sudarshannews.in
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