इंटरनेट डेस्क। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बड़े ही खतरनाक मामले में एक बेटी की मां की 25 साल की सजा को बरकरार रखा है। इसके पीछे एक बड़ा कारण हैं और वो ये की दिल दहला देने वाले मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अपनी ही 11 वर्षीय बेटी के साथ बार-बार बलात्कार में सहायता करने वाली एक मां की 25 साल की सज़ा को बनाए रखा है। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जिस मां का कर्तव्य अपनी बेटी की रक्षा करना था उसने इसके उलट अपराध को आसान बनाया।
पिता ने की थी शिकायत
मीडिया रिपोटर्स की माने तो यह जघन्य मामला जनवरी 2020 में तब शुरू हुआ जब पीड़ित बच्ची के पिता ने अपनी पत्नी और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि जब पिता रात की शिफ्ट में काम करने जाते थे तब उसकी पत्नी और सह-आरोपी पुरुष बच्ची के सामने आपत्तिजनक हरकतें करते थे। पिता ने आरोप लगाया कि मां अपनी ही बेटी को उनके बगल में सोने के लिए मजबूर करती थी जिससे सह-आरोपी बच्ची के साथ यौन शोषण करता था। जब बच्ची इन हरकतों का विरोध करती थी तो उसकी मां उसे मारती थी और जबरदस्ती अपराधी के सामने झुकने के लिए कहती थी।
25 साल की सजा हुई
खबरों की माने तो फरवरी 2024 में ट्रायल कोर्ट ने सह-आरोपी पुरुष को बलात्कार और गंभीर यौन शोषण का दोषी ठहराया। मां को यौन शोषण में सहायता करने और नाबालिग के खिलाफ अपराध की जानकारी न देने का दोषी पाया गया। ट्रायल कोर्ट ने मां के इस घिनौने कृत्य के लिए उसे 25 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
pc- hindustan
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