कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कुरुक्षेत्र में आयोजित एक कृषि-तकनीकी प्रदर्शनी में कहा कि किसी भी राष्ट्र के लिए किसान और जवान अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि युद्ध चाहे कितना भी लंबा चले, खेती का कार्य कभी नहीं रुकना चाहिए। वर्तमान में देश में अनाज की कोई कमी नहीं है, और किसानों को राष्ट्र की प्रगति के लिए कृषि में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
भारत की कृषि भूमि की गुणवत्ता
श्याम सिंह राणा ने कहा कि यदि पूरी दुनिया में 100 एकड़ की भूमि का चयन किया जाए, तो सबसे उपयुक्त भूमि भारत में मिलेगी। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इस बात पर जोर दिया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की भूमि की गुणवत्ता अद्वितीय है।
किसानों की आमदनी में वृद्धि
उन्होंने किसानों की आमदनी बढ़ाने और खर्च कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। राणा ने बताया कि खेती के तीन प्रकार हैं: रासायनिक, ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती। सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इसके अंतर्गत प्रति एकड़ खेती के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है।
गायों का महत्व
उन्होंने यह भी बताया कि घर में गाय होने से परिवार के लिए दूध की उपलब्धता होती है और गाय के गोबर से जैविक खेती संभव है। गाय के गोबर में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
किसानों को सहायता
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आगजनी से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया गया है और धान की सीधी बिजाई के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।
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