राजस्थान में पाटली नदी का पुनर्जीवितीकरण कार्य आरंभ हो गया है। यह नदी, जो कि राज्य के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है, अब सिंचाई के लिए एक नई उम्मीद बन सकती है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस परियोजना का शुभारंभ किया है, जिसमें नदी के किनारों को मजबूत किया जाएगा और मलबे को हटाया जाएगा। इससे 40 गांवों में सिंचाई की स्थिति में सुधार होगा। इस कार्य की लागत 5 करोड़ रुपये है और यह कामकोटा के जुल्मी में शुरू हुआ है।
परियोजना के चरण और लाभ
पाटली नदी के पुनर्जीवितीकरण की योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में रामगंजमंडी के 21 गांवों के 4380 हेक्टेयर क्षेत्र को लिफ्ट सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। दूसरे चरण में 19 गांवों की 2670 हेक्टेयर भूमि को भी इसी प्रकार की सुविधा मिलेगी। इस प्रकार, कुल 40 गांवों को इस परियोजना से लाभ होगा।
प्राकृतिक बहाव में बाधा
मदन दिलावर ने बताया कि पाटली नदी क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी है, लेकिन आसपास की खदानों से निकलने वाले अपशिष्टों के कारण इसका प्राकृतिक बहाव बाधित हो गया है। इससे खेतों में पानी भर जाता है, जो फसलों को नुकसान पहुंचाता है। मुख्यमंत्री ने इस नदी को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए 5 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
You may also like
रविशंकर प्रसाद ने देखी इमरान हाशमी स्टारर 'ग्राउंड जीरो', बोले- आप भी जरूर देखिए
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे क्या सचमुच एक साथ आ सकेंगे?
क्या 33 ईस्वी में यीशु की मृत्यु के समय हुआ था चंद्रग्रहण? नासा के नए खुलासे से बढ़ी बहस!
झूठे रेप-छेड़छाड़ केस में 13 लड़को को फंसाया, अब कोर्ट बोला- तृषा खान को उतनी सजा मिले जितनी लड़कों को मिलती..
मुंबई के वडाला में बजरंग दल और विहिप कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प, कई घायल