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ITR-6 Excel Utility 2025: कंपनियों के लिए टैक्स फाइलिंग अब पहले से आसान

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2024-25 (संबंधित असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए कंपनियों के लिए ITR-6 फॉर्म की एक्सेल यूटिलिटी जारी कर दी है। यह टूल बेहद यूजर फ्रेंडली और अपडेटेड फीचर्स से लैस है, जिससे कंपनियां अपना रिटर्न जल्दी और बिना झंझट के फाइल कर सकती हैं।कौन भर सकता है ITR-6 फॉर्म?प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड, वन पर्सन कंपनियां (OPC)—जो कंपनी एक्ट, 2013 या 1956 के तहत रजिस्टर्ड हैं।भारत में रजिस्टर्ड विदेशी कंपनियां, जो यहां आय अर्जित करती हैं।पार्टनरशिप फर्म और LLP, जब वे सेक्शन 11 के तहत छूट नहीं मांगतीं।धार्मिक या चैरिटेबल संस्थाएं (Income Tax Act की धारा 11 के तहत छूट लेने वाली) ITR-6 नहीं भर सकतीं।व्यक्ति, HUF, फर्म और LLP के लिए ITR-1, ITR-3 या ITR-5 जैसे अन्य फॉर्म्स उपलब्ध हैं।किस बात का रखना है ध्यान?ITR-6 फॉर्म कंपनियों को डिजिटल साइन के साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करना होगा।माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल 2016 या इसके नए वर्जन (macro enabled) की आवश्यकता होगी।यह यूटिलिटी इनकम टैक्स पोर्टल के डाउनलोड सेक्शन में उपलब्ध है।ITR-6 में क्या-क्या दर्ज करना जरूरी?कंपनी की सामान्य जानकारी: PAN, रजिस्ट्रेशन डेट, बिज़नेस डिटेल्स।बैलेंस शीट, लाभ-हानि का ब्यौरा।टैक्स पेमेंट डिटेल्स (advance tax, TDS, TCS आदि)।कैपिटल गेन; 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के कैपिटल गेन को अलग-अलग दिखाना।हाउसिंग लोन ब्याज पर छूट, शेयर बायबैक से हुए नुकसान, इत्यादि।क्रूज ऑपरेटर व डायमंड ट्रेडिंग के लिए खास नियम भी जोड़े गए हैं।क्या नए बदलाव हुए हैं?कैपिटल गेन को डेट के हिसाब से अलग-अलग दिखाना।शेयर बायबैक से हुए नुकसान को कैपिटल लॉस में दर्ज करने के लिए ऑप्शन।हाउसिंग लोन इंटरेस्ट में छूट के क्लेम के लिए जरूरी जानकारी देना।कुछ इंडस्ट्री स्पेसिफिक (जैसे क्रूज ऑपरेटर्स, डायमंड ट्रेडर्स) के लिए नए नियम जुड़े हैं।क्या फायदे हैं?प्रोसेस हुई पहले से ज्यादा फास्ट और आसान।कंपनियां अपनी इनकम, खर्च, टैक्स डिटेल्स बड़ी सरलता से दर्ज कर सकती हैं।समय रहते फाइलिंग कर देंगे तो फाइन/गलती होने की आशंका कम।
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