चलिए जानते हैं यह पौराणिक कथा।
जानिए पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सभी ऋषि-मुनियों में यह बहस होती है कि आखिर तीनों देवों में से सबसे सर्वश्रेष्ठ कौन है। इस बात का पता लगाने के लिए ऋषि भृगु का चुनाव किया जाता है। ऋषि सबसे पहले सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के पास जाते हैं।
वह जानबूझकर ब्रह्मा जी को न ही प्रणाम करते हैं और न ही हाथ जोड़कर उनका अभिवादन करते हैं। इससे ब्रह्मा जी नाराज हो जाते हैं। इसके बाद वह शिव जी के पास जाते हैं और यही व्यवहार करते हैं, जिससे शिव जी भी नाराज हो जाते हैं।
भगवान विष्णु पर आया क्रोध
अंत में वह भगवान विष्णु से मिलने पहुंचते हैं, जहां भगवन विष्णु योग निद्रा में होते हैं। ऋषि, भगवान विष्णु को उठाने की हर संभव कोशिश करते हैं लेकिन भगवान हीं उठते। इससे ऋषि बहुत क्रोधित हो जाते हैं और उनकी छाती पर लात मार देते हैं।
इसके बाद भगवान विष्णु भृगु ऋषि के पैर दबाते हुए कहते हैं कि कहीं आपको मेरी कठोर छाती से आपके पेड़ को पीड़ा तो नहीं हुई। यह देखकर ऋषि भृगु को यह सुनिश्चित हो जाता है कि तीनों देवों में भगवान विष्णु ही सबसे श्रेष्ठ हैं।
लक्ष्मी जी ने दिया ये श्राप
इस घटना के बाद मां लक्ष्मी बेहद नाराज हो जाती हैं और भृगु ऋषि को श्राप दे देती हैं। श्राप देते हुए मां लक्ष्मी कहती हैं कि मैं कभी भी ब्राह्मणों के घर नहीं जाऊंगी और वे हमेशा गरीब ही रहेंगे।
अस्वीकरण: पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। Newshimachali न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
You may also like
मौत का स्वाद! बहू ने ससुराल को खत्म करनेˈ की साजिश रची आटे में मिलाया जहर फिर हुआ ऐसा कि सब दंग रह गए…
सिंगल रहना Vs शादी करना। जाने क्या है बेस्ट।ˈ कौन रहता है ज्यादा सुखी। दिमाग घुमा देगी सच्चाई
कहानी: रावण की नहीं थी सोने की लंका शिवजीˈ ने मां पार्वती के लिए बनाई थी लंकापति ने ऐसे छीनी
किचन से कॉकरोच की हो जाएगी पर्मानेंट छुट्टी बसˈ करना होगा ये छोटा सा काम
सलमान खान की फिल्म 'हैलो ब्रदर': एक फ्लॉप फिल्म की मजेदार कहानी