काबुल: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से अपनी जमीन पर ड्रोन आने की बात कही है। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने दावा किया कि अमेरिकी ड्रोन पाकिस्तानी क्षेत्र से होते हुए अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र में आ रहे हैं। मुजाहिद ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर दोनों देशों के रिश्ते बेहतर करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।   
   
टोलोन्यूज से बातचीत करते हुए मुजाहिद ने कहा, 'पाकिस्तान मांग करता है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल उसके खिलाफ ना किया जाए। इसी तरह काबुल के प्रतिनिधियों ने इस्तांबुल में बातचीत के दौरान अनुरोध किया है कि इस्लामाबाद यह सुनिश्चित करे कि उसकी जमीन और हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल अफगानिस्तान के खिलाफ ना हो। हालांकि तमाम कोशिश के बावजूद ऐसा नहीं हो रहा है।'
     
अफगानिस्तान के आसमान में ड्रोनमुजाहिद ने कहा, 'अमेरिकी ड्रोन वास्तव में अफगानिस्तान के आसमान में उड़ान भर रहे हैं। वे पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से गुजरते हैं और हमारे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए लेकिन पाकिस्तानी यहां असहाय हैं, वे इसे रोक नहीं सकते। स्वाभाविक रूप से इसे उनकी अक्षमता के रूप में देखा जाना चाहिए।'
     
तालिबान प्रवक्ता ने इस दौरान यह भी कहा कि पाकिस्तान में एक विशेष सैन्य गुट को काबुल और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ाने के इरादे से वैश्विक शक्तियों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थाएं अफगानिस्तान के साथ संघर्ष में थीं और बगराम पर नियंत्रण की महत्वाकांक्षा रखती थीं। ये शक्तियां अस्थिरता पैदा करने की कोशिश में हैं।
   
टीटीपी का मुद्दा अनसुलझामुजाहिद ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एकमात्र अनसुलझा मुद्दा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का है। इस्लामाबाद चाहता है कि काबुल पाकिस्तान के भीतर टीटीपी की गतिविधियों को नियंत्रित करे लेकिन यह हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है। दोहा और इस्तांबुल की बैठक में पाकिस्तान ने काबुल से टीटीपी को नियंत्रित करने के लिए कहा है।
   
मुजाहिद ने कहा कि तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के सामने स्पष्ट कर दिया है कि हम टीटीपी को अफगानिस्तान की धरती से किसी भी देश के खिलाफ काम करने की इजाजत नहीं देते। पाकिस्तानी अधिकारियों के दावों के विपरीत टीटीपी इस्लामिक अमीरात के अधीन काम नहीं करता। यह पाकिस्तान की अपने कबायली इलाकों में अपनी नीतियों का नतीजा है।
  
टोलोन्यूज से बातचीत करते हुए मुजाहिद ने कहा, 'पाकिस्तान मांग करता है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल उसके खिलाफ ना किया जाए। इसी तरह काबुल के प्रतिनिधियों ने इस्तांबुल में बातचीत के दौरान अनुरोध किया है कि इस्लामाबाद यह सुनिश्चित करे कि उसकी जमीन और हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल अफगानिस्तान के खिलाफ ना हो। हालांकि तमाम कोशिश के बावजूद ऐसा नहीं हो रहा है।'
अफगानिस्तान के आसमान में ड्रोनमुजाहिद ने कहा, 'अमेरिकी ड्रोन वास्तव में अफगानिस्तान के आसमान में उड़ान भर रहे हैं। वे पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से गुजरते हैं और हमारे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए लेकिन पाकिस्तानी यहां असहाय हैं, वे इसे रोक नहीं सकते। स्वाभाविक रूप से इसे उनकी अक्षमता के रूप में देखा जाना चाहिए।'
तालिबान प्रवक्ता ने इस दौरान यह भी कहा कि पाकिस्तान में एक विशेष सैन्य गुट को काबुल और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ाने के इरादे से वैश्विक शक्तियों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थाएं अफगानिस्तान के साथ संघर्ष में थीं और बगराम पर नियंत्रण की महत्वाकांक्षा रखती थीं। ये शक्तियां अस्थिरता पैदा करने की कोशिश में हैं।
टीटीपी का मुद्दा अनसुलझामुजाहिद ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एकमात्र अनसुलझा मुद्दा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का है। इस्लामाबाद चाहता है कि काबुल पाकिस्तान के भीतर टीटीपी की गतिविधियों को नियंत्रित करे लेकिन यह हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है। दोहा और इस्तांबुल की बैठक में पाकिस्तान ने काबुल से टीटीपी को नियंत्रित करने के लिए कहा है।
मुजाहिद ने कहा कि तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के सामने स्पष्ट कर दिया है कि हम टीटीपी को अफगानिस्तान की धरती से किसी भी देश के खिलाफ काम करने की इजाजत नहीं देते। पाकिस्तानी अधिकारियों के दावों के विपरीत टीटीपी इस्लामिक अमीरात के अधीन काम नहीं करता। यह पाकिस्तान की अपने कबायली इलाकों में अपनी नीतियों का नतीजा है।
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