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भारत ने हमें बचाया... पीएम मोदी की यात्रा से पहले मालदीव के पूर्व प्रेसीडेंट ने माना अहसान, चीन से दोस्ती पर कही बड़ी बात

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माले: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत के साथ अच्छे संबंधों पर जोर दिया है। नशीद ने बुधवार को कहा कि मालदीव ने हमेशा 'इंडिया फर्स्ट' की विदेश नीति रखी है। उन्होंने आर्थिक सहायता के लिए भी भारत की सराहना की है। नशीद का ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा से ठीक पहले आया है। नरेंद्र मोदी 25 जुलाई को मालदीव जाएंगे। पीएम मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होंगे। नशीद ने मोदी की मालदीव यात्रा से दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होने की उम्मीद जताई है।



मोहम्मद नशीद ने भी माना कि मालदीव और भारत की दोस्ती में चीन आता रहा है। नशीद ने एएनआई से कहा, 'मालदीव ने इंडिया फर्स्ट पॉलिसी अपनाई लेकिन अतीत में चुनाव के कारण कभी-कभी हमारी विदेश नीति चीन-समर्थक और भारत-समर्थक रुख के बीच झूली है। हालांकि आज पहले के उलट मालदीव की राजनीति का दृष्टिकोण पूरी तरह से भारत की तरफ हो गया है।



भारत ने हमें मुश्किल से बचायानशीद ने आगे कहा, 'भारत और मालदीव के संबंध मजबूत होते हैं तो दोनों देशों को इसका लाभ होता है। मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।' मालदीव को भारत की ओर से मिली आर्थिक मदद पर उन्होंने कहा कि ये बहुत अहम था। अगर भारत ना होता तो हम डिफॉल्ट हो जाते।



नशीद ने कहा कि मालदीव और भारत में साझेदारी का गहरा महत्व है। इसने हमारे चुनौतीपूर्ण समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बढ़ती वित्तीय कठिनाइयों और भारी ऋण चुकौती दायित्वों के साथ, भारत के समय पर समर्थन ने हमें डिफॉल्ट से बचने और स्थिरता बनाए रखने में मदद की। ये दिखाता है कि दोनों देशों के संबंध कितने खास हैं।



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क्यों खास है पीएम मोदी का दौराप्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर 25 से 26 जुलाई तक मालदीव का दौरा करेंगे। ये दौरा काफी अहम है क्योंकि बीते डेढ़ साल में दोनों देशों के रिश्ते में कई बार तनाव दिखा है। ये विवाद बीते साल बहुत ज्यादा बढ़ गया था, जब मालदीव के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणियां की थी।



मालदीव के मौजूदा प्रेसीडेंट मुइज्जू का रुख भी भारत से संबंधों में तनाव की एक वजह बना। मुइज्जू ने अपने चुनाव प्रचार में इंडिया आउट का नारा दिया था। चुनाव जीतने के बाद भी उन्होंने चीन को प्राथमिकता दी। इससे भारत-मालदीव के रिश्ते में तनाव आया। हालांकि मुइज्जू सरकार ने हालिया महीनों में अपना रुख बदला है।
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