मॉस्को: रूस की ईरान और अल्जीरिया को Su-57 और Su-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री की योजना है। लीक हुई रूसी निर्यात योजना से इन विमानों की बिक्री का संकेत मिलता है। 3 अक्टूबर को रोस्टेक की कथित मूल्य निर्धारण तालिका के स्क्रीनशॉट सामने आए हैं। इनमें सुखोई निर्यात से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक युद्धक और ऑनबोर्ड किट सूचीबद्ध हैं। इससे पता चलता है कि रूस का अल्जीरिया के लिए Su-57 और ईरान को Su-35 विमान देने का प्लान है। ईरान को यह जेट मिलना खासतौर से अमेरिका और इजरायल की चिंता को बढ़ा सकता है।
आर्मी रिकॉग्निशन के मुताबिक, 2 अक्टूबर को द इनसाइडर ने बताया कि हैकर समूह ब्लैक मिरर ने रूस के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सौदों और निर्यात मूल्य निर्धारण का विवरण देने वाले 300 आंतरिक रोस्टेक दस्तावेजों का पहला लीक बैच जारी किया है। इसमें निर्यात उपयोगकर्ताओं के लिए सुखोई विमानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक-युद्धक किट और ऑनबोर्ड पैकेज बंडल किए गए प्रतीत होते हैं।
क्या है दस्तावेज मेंयह स्क्रीनशॉट Su-35, Su-34 और Su-57 कार्यक्रमों से जुड़े निर्यात एवियोनिक्स को दिखता है। ग्राहक कोड 364, 48 विमानों वाले कार्यक्रम का समर्थन करने वाले Su-35 घटकों से मेल खाता है। इनकी कुल लागत 588.6 मिलियन यूरो है। दस्तावेज से पता चलता है कि इनकी डिलीवरी अग्रिम भुगतान के 16-18 से 46-48 महीनों के बाद होगी।
लीक हुई निर्यात तालिका में समूह 364 ने Su-35 के लिए 15-20 फीसदी अग्रिम भुगतान के साथ 24 खिबिनी-एम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट सूचीबद्ध किए हैं। यह उसी दस्तावेज में 2026-2028 के लिए निर्धारित 48-जेट Su-35 ऑर्डर के विवरण से मेल खाता है, जिसमें 15% डाउन पेमेंट है। यह ईरान को संभावित ग्राहक के रूप में इंगित करता है।
कब मिलेंगे ये जेटलीक दस्तावेज अनुबंधों को दर्शाता है तो ईरान को 2026-2028 में 15% अग्रिम भुगतान के साथ 48 Su-35 प्राप्त होंगे, जो कोड 364 के तहत सूचीबद्ध खिबिनी-एम इलेक्ट्रॉनिक-वारफेयर सेट और स्पेयर पार्ट होंगे। 48 जेट विमानों का बेड़ा दो ऑपरेशनल स्क्वाड्रनों के साथ एक ओसीयू और एट्रिशन रिजर्व को तैनात कर सकता है, जिससे क्षेत्रीय वायु संतुलन में बदलाव आएगा।
ईरान के 48-जेट Su-35 कार्यक्रम की डिलीवरी 2026-2028 के लिए निर्धारित है। वहीं अल्जीरिया के 12 Su-57E शिपसेट और Su-34 किट का पैकेज मिलकर रूस के एक दशक में सबसे महत्वपूर्ण लड़ाकू निर्यात चक्रों में से एक है। इसका खाड़ी और पश्चिमी भूमध्य सागर पर रणनीतिक प्रभाव पड़ेगा।
किसी पक्ष ने नहीं की पुष्टिइस लीक दस्तावेज को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। इसकी पुष्टि तब तक नहीं होगी, जब तक रूस, ईरान या अल्जीरिया इसके बारे में नहीं बता देते हैं। यह एक मजबूत संकेत है और दिखाई देने वाली मात्रा को किसी अन्य जोड़ी के साथ मिलाना मुश्किल है।
आर्मी रिकॉग्निशन के मुताबिक, 2 अक्टूबर को द इनसाइडर ने बताया कि हैकर समूह ब्लैक मिरर ने रूस के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सौदों और निर्यात मूल्य निर्धारण का विवरण देने वाले 300 आंतरिक रोस्टेक दस्तावेजों का पहला लीक बैच जारी किया है। इसमें निर्यात उपयोगकर्ताओं के लिए सुखोई विमानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक-युद्धक किट और ऑनबोर्ड पैकेज बंडल किए गए प्रतीत होते हैं।
क्या है दस्तावेज मेंयह स्क्रीनशॉट Su-35, Su-34 और Su-57 कार्यक्रमों से जुड़े निर्यात एवियोनिक्स को दिखता है। ग्राहक कोड 364, 48 विमानों वाले कार्यक्रम का समर्थन करने वाले Su-35 घटकों से मेल खाता है। इनकी कुल लागत 588.6 मिलियन यूरो है। दस्तावेज से पता चलता है कि इनकी डिलीवरी अग्रिम भुगतान के 16-18 से 46-48 महीनों के बाद होगी।
लीक हुई निर्यात तालिका में समूह 364 ने Su-35 के लिए 15-20 फीसदी अग्रिम भुगतान के साथ 24 खिबिनी-एम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट सूचीबद्ध किए हैं। यह उसी दस्तावेज में 2026-2028 के लिए निर्धारित 48-जेट Su-35 ऑर्डर के विवरण से मेल खाता है, जिसमें 15% डाउन पेमेंट है। यह ईरान को संभावित ग्राहक के रूप में इंगित करता है।
कब मिलेंगे ये जेटलीक दस्तावेज अनुबंधों को दर्शाता है तो ईरान को 2026-2028 में 15% अग्रिम भुगतान के साथ 48 Su-35 प्राप्त होंगे, जो कोड 364 के तहत सूचीबद्ध खिबिनी-एम इलेक्ट्रॉनिक-वारफेयर सेट और स्पेयर पार्ट होंगे। 48 जेट विमानों का बेड़ा दो ऑपरेशनल स्क्वाड्रनों के साथ एक ओसीयू और एट्रिशन रिजर्व को तैनात कर सकता है, जिससे क्षेत्रीय वायु संतुलन में बदलाव आएगा।
ईरान के 48-जेट Su-35 कार्यक्रम की डिलीवरी 2026-2028 के लिए निर्धारित है। वहीं अल्जीरिया के 12 Su-57E शिपसेट और Su-34 किट का पैकेज मिलकर रूस के एक दशक में सबसे महत्वपूर्ण लड़ाकू निर्यात चक्रों में से एक है। इसका खाड़ी और पश्चिमी भूमध्य सागर पर रणनीतिक प्रभाव पड़ेगा।
किसी पक्ष ने नहीं की पुष्टिइस लीक दस्तावेज को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। इसकी पुष्टि तब तक नहीं होगी, जब तक रूस, ईरान या अल्जीरिया इसके बारे में नहीं बता देते हैं। यह एक मजबूत संकेत है और दिखाई देने वाली मात्रा को किसी अन्य जोड़ी के साथ मिलाना मुश्किल है।
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