काबुल: तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात को पाकिस्तान के सामने न झुकने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के साथ होने वाली चर्चाएं ईमानदारी से होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान को पाकिस्तान के हुक्म के आगे झुकना नहीं चाहिए। अखुंदजादा का यह बयान तब आया है, जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान में तनाव चरम पर है। वहीं, तुर्की के इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता भी चल रही है, जिसका अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका है।
अखुंदजादा के साथ तालिबान प्रतिनिधिमंडल की बैठक
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता के लिए इस्तांबुल रवाना होने से पहले अफगान तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने समूह के सर्वोच्च नेता शेख हैबतुल्लाह अखुंदजादा के साथ एक लंबी बैठक की। बैठक के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने हैबतुल्लाह को पिछले दौर की वार्ताओं के विवरण से अवगत कराया। सर्वोच्च नेता ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में होने वाली सभी वार्ताएं ईमानदारी से होनी चाहिए और केवल वही प्रतिबद्धताएं व्यक्त की जानी चाहिए जिन्हें वास्तव में पूरा किया जा सके।
पाकिस्तान के आगे न झुके अफगानिस्तान
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अफगानिस्तान को पाकिस्तान के हुक्म के आगे नहीं झुकना चाहिए। अखुंदजादा ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर अपनी शर्तें थोपने की स्थिति में नहीं है। सर्वोच्च नेता के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि तालिबान और सख्त रुख अपना सकता है, जिससे पाकिस्तान के साथ तनाव में वृद्धि होने की आशंका है। अगर तनाव बना रहा तो दोनों देशों में युद्ध की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
पाकिस्तान पहले ही दे चुके है युद्ध की धमकी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ पहले ही अफगान तालिबान को युद्ध की धमकी दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि अगर तालिबान के साथ शांति वार्ता विफल रहती है तो युद्ध का रास्ता खुला हुआ है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद तालिबान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि वे इस्लामाबाद तक इस्लामिक अमीरात का सफेद झंडा फहरा देंगे। लेकिन, दोनों ही पक्षों पर कतर और तुर्की का भारी दबाव है, जिससे वे न चाहते हुए भी बातचीत के लिए मजबूर हुए हैं।
अखुंदजादा के साथ तालिबान प्रतिनिधिमंडल की बैठक
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता के लिए इस्तांबुल रवाना होने से पहले अफगान तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने समूह के सर्वोच्च नेता शेख हैबतुल्लाह अखुंदजादा के साथ एक लंबी बैठक की। बैठक के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने हैबतुल्लाह को पिछले दौर की वार्ताओं के विवरण से अवगत कराया। सर्वोच्च नेता ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में होने वाली सभी वार्ताएं ईमानदारी से होनी चाहिए और केवल वही प्रतिबद्धताएं व्यक्त की जानी चाहिए जिन्हें वास्तव में पूरा किया जा सके।
पाकिस्तान के आगे न झुके अफगानिस्तान
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अफगानिस्तान को पाकिस्तान के हुक्म के आगे नहीं झुकना चाहिए। अखुंदजादा ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर अपनी शर्तें थोपने की स्थिति में नहीं है। सर्वोच्च नेता के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि तालिबान और सख्त रुख अपना सकता है, जिससे पाकिस्तान के साथ तनाव में वृद्धि होने की आशंका है। अगर तनाव बना रहा तो दोनों देशों में युद्ध की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
पाकिस्तान पहले ही दे चुके है युद्ध की धमकी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ पहले ही अफगान तालिबान को युद्ध की धमकी दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि अगर तालिबान के साथ शांति वार्ता विफल रहती है तो युद्ध का रास्ता खुला हुआ है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद तालिबान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि वे इस्लामाबाद तक इस्लामिक अमीरात का सफेद झंडा फहरा देंगे। लेकिन, दोनों ही पक्षों पर कतर और तुर्की का भारी दबाव है, जिससे वे न चाहते हुए भी बातचीत के लिए मजबूर हुए हैं।
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