वॉशिंगटन: अमेरिका की नौसेना को बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी नौसेना का एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट कैलिफोर्निया में नेवल एयर स्टेशन लेमूरे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। अमेरिकी नौसेना ने एक बयान जारी करके बताया कि पायलट सुरक्षित तरीके से निकलने में सफल रहा। इस हादसे के कारणों की जांच जारी है। यह स्टील्थ फाइटर जेट स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन VF-125 का था। यह स्क्वाड्रन पायलटों की ट्रेनिंग का काम करती है। बताया जा रहा है कि यह हादसा शाम को करीब 6:30 बजे हुआ। F-35C फाइटर जेट को अमेरिकी नौसेना के विमानवाहक पोत के लिए बनाया गया है। हाल ही में भारत में कई दिनों तक फंसा रहा ब्रिटेन का फाइटर जेट F-35C ही था जो ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात था।
एफ-35 पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है और इसमें स्टील्थ, सेंसर फ्यूजन और नेटवर्क इनेबल ऑपरेशन से लैस है जिससे यह नौसेना के लिए काफी मुफीद माना जाता है। एफ-35 सी के विंग एयरफोर्स के F-35A की तुलना में काफी बड़े हैं। इससे यह आसानी से एयरक्राफ्ट कैरियर पर उतर सकता है। एफ-35 के बारे में कहा जाता है कि यह किसी भी रेडॉर सिस्टम को धोखा दे सकता है। इसमें अत्याधुनिक AESA रडार और कई अन्य अत्याधुनिक तकनीक लगी है जो इसे काफी ताकतवर बनाते हैं।
ब्रिटेन के F-35 जेट को करनी पड़ी थी केरल में लैंडिंग
एफ-35 सी फाइटर जेट के अंदर प्रैट एंड व्हिटनी F135 इंजन लगा है। यह विमान 2200 किमी तक तबाही मचाने की क्षमता रखता है और परमाणु बम से लेकर विभिन्न तरह के बम और मिसाइलें अपने साथ लेकर उड़ सकता है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और गाइडेड बम भी शामिल हैं। यह हवा में बादशाहत कायम करने से लेकर जासूसी और निगरानी की भी क्षमता रखता है। अमेरिकी नौसेना साल 2019 से ही इस विमान का इस्तेमाल कर रही है।
एफ-35 फाइटर जेट अपनी बेजोड़ ताकत के बाद भी बहुत ज्यादा कीमत और उसे ऑपरेट करने में खर्च की वजह से एलन मस्क तक इसकी आलोचना कर चुके हैं। अमेरिका इसे चीन के जे-20 फाइटर जेट को जवाब देने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। इस विमान को आज भी लगातार अपग्रेड किया जा रहा है और इसकी ताकत को बढ़ाया जा रहा है। यह अमेरिकी फाइटर जेट ब्रिटेन की नौसेना ने भी खरीदा है। हाल ही में ब्रिटिश एफ-35 सी ने केरल में आपात लैंडिंग की थी। इसे ठीक करने में ब्रिटेन के पसीने छूट गए। ब्रिटेन से इंजीनियर बुलाने के बाद भी इसे कई दिन बाद उड़ने लायक बनाया जा सका था। इससे ब्रिटेन और अमेरिका दोनों की फजीहत हुई थी।
एफ-35 पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है और इसमें स्टील्थ, सेंसर फ्यूजन और नेटवर्क इनेबल ऑपरेशन से लैस है जिससे यह नौसेना के लिए काफी मुफीद माना जाता है। एफ-35 सी के विंग एयरफोर्स के F-35A की तुलना में काफी बड़े हैं। इससे यह आसानी से एयरक्राफ्ट कैरियर पर उतर सकता है। एफ-35 के बारे में कहा जाता है कि यह किसी भी रेडॉर सिस्टम को धोखा दे सकता है। इसमें अत्याधुनिक AESA रडार और कई अन्य अत्याधुनिक तकनीक लगी है जो इसे काफी ताकतवर बनाते हैं।
ब्रिटेन के F-35 जेट को करनी पड़ी थी केरल में लैंडिंग
एफ-35 सी फाइटर जेट के अंदर प्रैट एंड व्हिटनी F135 इंजन लगा है। यह विमान 2200 किमी तक तबाही मचाने की क्षमता रखता है और परमाणु बम से लेकर विभिन्न तरह के बम और मिसाइलें अपने साथ लेकर उड़ सकता है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और गाइडेड बम भी शामिल हैं। यह हवा में बादशाहत कायम करने से लेकर जासूसी और निगरानी की भी क्षमता रखता है। अमेरिकी नौसेना साल 2019 से ही इस विमान का इस्तेमाल कर रही है।
एफ-35 फाइटर जेट अपनी बेजोड़ ताकत के बाद भी बहुत ज्यादा कीमत और उसे ऑपरेट करने में खर्च की वजह से एलन मस्क तक इसकी आलोचना कर चुके हैं। अमेरिका इसे चीन के जे-20 फाइटर जेट को जवाब देने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। इस विमान को आज भी लगातार अपग्रेड किया जा रहा है और इसकी ताकत को बढ़ाया जा रहा है। यह अमेरिकी फाइटर जेट ब्रिटेन की नौसेना ने भी खरीदा है। हाल ही में ब्रिटिश एफ-35 सी ने केरल में आपात लैंडिंग की थी। इसे ठीक करने में ब्रिटेन के पसीने छूट गए। ब्रिटेन से इंजीनियर बुलाने के बाद भी इसे कई दिन बाद उड़ने लायक बनाया जा सका था। इससे ब्रिटेन और अमेरिका दोनों की फजीहत हुई थी।
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