खगड़िया: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राज्य का राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है। खगड़िया जिले की परबत्ता विधानसभा सीट राज्य की सबसे हॉट सीटों में से एक बन चुकी है। इस सीट का राजनीतिक इतिहास बेहद खास रहा है। यहां के पूर्व विधायक सतीश प्रसाद सिंह को सिर्फ 5 दिन के लिए ही बिहार का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला था। वहीं, मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं। आइए जानते हैं इस सीट का मौजूदा समीकरण क्या है...
संजीव कुमार के पाला बदलने से बदला समीकरण
खगड़िया जिले की परबत्ता सीट इस बार इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यहां से जेडीयू के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने चुनाव से पहले पाला बदल लिया है और राजद (RJD) में शामिल हो गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में डॉ. संजीव कुमार ने सिर्फ 951 वोटों के बेहद कम अंतर से जीत हासिल की थी, जिसने सीट के समीकरण को हमेशा रोमांचक बनाए रखा है। हालांकि पिछले बार जेडीयू के संजीव कुमार की जीत का अंतर कम रहने की वजह चिराग पासवान की पार्टी का एनडीए के अलग होकर अकेले चुनाव लड़ना था।
परबत्ता से कौन चुनावी मैदान में?परबत्ता सीट पर चुनावी समीकरण इस बार बदले हुए हैं। चिराग पासवान एनडीए के साथ हैं। वहीं जेडीयू के विधायक संजीव कुमार राजद में चले गए। राजद ने डॉ. संजीव कुमार को प्रत्याशी बनाया है। वहीं एनडीए से लोजपा (रामविलास) के बाबूलाल शौर्य मैदान में है। जबकि जन सुराज पार्टी से विनय कुमार वरुण 'ताल ठोंक' रहे हैं।
परबत्ता का सियासी इतिहास
यह सीट न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि हर चुनाव में यहां का जातीय संतुलन और राजनीतिक समीकरण पूरे राज्य की राजनीति को प्रभावित करता रहा है। कभी यहां कांग्रेस का वर्चस्व हुआ करता था, जिसने 1985 के बाद अपना जनाधार खो दिया। कांग्रेस के बाद जेडीयू ने अपनी पकड़ मजबूत की। अब तक चार उपचुनाव समेत इस सीट पर 20 चुनाव हो चुके हैं। सर्वाधिक सात बार कांग्रेस, पांच बार जदयू, दो-दो बार राजद और जनता दल ने जीत हासिल की है। खास बात यह है कि भाजपा (BJP) को अब तक यहां जीत नसीब नहीं हुई है।
मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी साल 2000 में यहां से विधायक चुने गए थे, लेकिन 2005 में दो बार हुए चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, 2010 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की थी। 2015 में जेडीयू के रामानंद प्रसाद सिंह ने बीजेपी के रामानुज चौधरी को बड़े अंतर से हराया था। वहीं 2020 में जेडीयू प्रत्याशी डॉ. संजीव कुमार ने कांटे की टक्कर में जीत दर्ज की थी।
परबत्ता का जातीय समीकरण
परबत्ता सीट पर जीत-हार में भूमिहार, यादव, कुशवाहा, मुस्लिम और चौरसिया जाति के वोटरों की अच्छी संख्या निर्णायक साबित होती है। चुनाव आयोग के 2024 आंकड़ों के मुताबिक, परबत्ता की कुल आबादी 5,41,929 है, जिसमें 2,82,089 पुरुष और 2,59,840 महिलाएं हैं। कुल मतदाता 3,22,082 हैं, जिनमें 1,70,385 पुरुष, 1,51,688 महिलाएं और 9 थर्ड जेंडर हैं। इस सीट पर मतदान की बात करें तो 2010 में 58.12 प्रतिशत, 2015 में 60.45 प्रतिशत और 2020 में 57.89 प्रतिशत मतदान हुआ।
संजीव कुमार के पाला बदलने से बदला समीकरण
खगड़िया जिले की परबत्ता सीट इस बार इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यहां से जेडीयू के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने चुनाव से पहले पाला बदल लिया है और राजद (RJD) में शामिल हो गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में डॉ. संजीव कुमार ने सिर्फ 951 वोटों के बेहद कम अंतर से जीत हासिल की थी, जिसने सीट के समीकरण को हमेशा रोमांचक बनाए रखा है। हालांकि पिछले बार जेडीयू के संजीव कुमार की जीत का अंतर कम रहने की वजह चिराग पासवान की पार्टी का एनडीए के अलग होकर अकेले चुनाव लड़ना था।
परबत्ता से कौन चुनावी मैदान में?परबत्ता सीट पर चुनावी समीकरण इस बार बदले हुए हैं। चिराग पासवान एनडीए के साथ हैं। वहीं जेडीयू के विधायक संजीव कुमार राजद में चले गए। राजद ने डॉ. संजीव कुमार को प्रत्याशी बनाया है। वहीं एनडीए से लोजपा (रामविलास) के बाबूलाल शौर्य मैदान में है। जबकि जन सुराज पार्टी से विनय कुमार वरुण 'ताल ठोंक' रहे हैं।
परबत्ता का सियासी इतिहास
यह सीट न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि हर चुनाव में यहां का जातीय संतुलन और राजनीतिक समीकरण पूरे राज्य की राजनीति को प्रभावित करता रहा है। कभी यहां कांग्रेस का वर्चस्व हुआ करता था, जिसने 1985 के बाद अपना जनाधार खो दिया। कांग्रेस के बाद जेडीयू ने अपनी पकड़ मजबूत की। अब तक चार उपचुनाव समेत इस सीट पर 20 चुनाव हो चुके हैं। सर्वाधिक सात बार कांग्रेस, पांच बार जदयू, दो-दो बार राजद और जनता दल ने जीत हासिल की है। खास बात यह है कि भाजपा (BJP) को अब तक यहां जीत नसीब नहीं हुई है।
मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी साल 2000 में यहां से विधायक चुने गए थे, लेकिन 2005 में दो बार हुए चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, 2010 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की थी। 2015 में जेडीयू के रामानंद प्रसाद सिंह ने बीजेपी के रामानुज चौधरी को बड़े अंतर से हराया था। वहीं 2020 में जेडीयू प्रत्याशी डॉ. संजीव कुमार ने कांटे की टक्कर में जीत दर्ज की थी।
परबत्ता का जातीय समीकरण
परबत्ता सीट पर जीत-हार में भूमिहार, यादव, कुशवाहा, मुस्लिम और चौरसिया जाति के वोटरों की अच्छी संख्या निर्णायक साबित होती है। चुनाव आयोग के 2024 आंकड़ों के मुताबिक, परबत्ता की कुल आबादी 5,41,929 है, जिसमें 2,82,089 पुरुष और 2,59,840 महिलाएं हैं। कुल मतदाता 3,22,082 हैं, जिनमें 1,70,385 पुरुष, 1,51,688 महिलाएं और 9 थर्ड जेंडर हैं। इस सीट पर मतदान की बात करें तो 2010 में 58.12 प्रतिशत, 2015 में 60.45 प्रतिशत और 2020 में 57.89 प्रतिशत मतदान हुआ।
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