पटना: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को बिहार में चुनाव के बाद गठबंधन बनाने की किसी भी संभावना से इनकार किया, यदि उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रहती है। मीडिया से बात करते हुए किशोर ने कहा कि वह जेएसपी के सिद्धांतों से समझौता करने के बजाय पांच साल और काम करना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर बिहार की जनता अभी भी बदलाव नहीं चाहती, तो हम उनके साथ रहेंगे और अगले पांच साल तक काम करते रहेंगे। सरकार में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता। जन सुराज अपने बल पर सरकार बनाएगा, वरना हम विपक्ष में बैठेंगे।
दोबारा चुनाव में जाएंगे- पीके
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी गठबंधन में शामिल होने के बजाय, उन्हें दोबारा चुनाव में जाना मंजूर होगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी, तो हम दोबारा चुनाव में जाएंगे। हम भाजपा के खिलाफ हैं, हम वैचारिक आधार पर उनका विरोध करते हैं। यह कहते हुए कि कोई जल्दी नहीं है और वह पांच साल और दे सकते हैं, चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने पीके ने कहा कि हमने जन सुराज के निर्माण में अपना खून-पसीना बहाया है और बदलाव पहले से ही दिखाई दे रहा है, इसलिए बस परिणामों की प्रतीक्षा करें। जब संख्याएं आएंगी, तो सबसे बुरा क्या हो सकता है? हो सकता है कि जन सुराज को इस बार उतनी सीटें न मिलें, फिर हम अगले पांच साल काम करेंगे। जल्दी क्या है? मैं 48 साल का हूं; मैं इस मुद्दे को पांच साल और दे सकता हूं।
बीजेपी पर हमला
इससे पहले शनिवार को किशोर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार कारखानों की स्थापना में गुजरात को प्राथमिकता देती है, जबकि बिहार की अनदेखी करती है। प्रशांत किशोर ने एक चुनावी रैली में कहा कि वे (भाजपा) बिहार से वोट लेते हैं, इसलिए उन्हें बिहार में भी कारखाने लगाने चाहिए। पिछले 15 सालों से प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में नहीं, बल्कि गुजरात में कारखाने लगाए हैं।
दोबारा चुनाव में जाएंगे- पीके
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी गठबंधन में शामिल होने के बजाय, उन्हें दोबारा चुनाव में जाना मंजूर होगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी, तो हम दोबारा चुनाव में जाएंगे। हम भाजपा के खिलाफ हैं, हम वैचारिक आधार पर उनका विरोध करते हैं। यह कहते हुए कि कोई जल्दी नहीं है और वह पांच साल और दे सकते हैं, चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने पीके ने कहा कि हमने जन सुराज के निर्माण में अपना खून-पसीना बहाया है और बदलाव पहले से ही दिखाई दे रहा है, इसलिए बस परिणामों की प्रतीक्षा करें। जब संख्याएं आएंगी, तो सबसे बुरा क्या हो सकता है? हो सकता है कि जन सुराज को इस बार उतनी सीटें न मिलें, फिर हम अगले पांच साल काम करेंगे। जल्दी क्या है? मैं 48 साल का हूं; मैं इस मुद्दे को पांच साल और दे सकता हूं।
बीजेपी पर हमला
इससे पहले शनिवार को किशोर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार कारखानों की स्थापना में गुजरात को प्राथमिकता देती है, जबकि बिहार की अनदेखी करती है। प्रशांत किशोर ने एक चुनावी रैली में कहा कि वे (भाजपा) बिहार से वोट लेते हैं, इसलिए उन्हें बिहार में भी कारखाने लगाने चाहिए। पिछले 15 सालों से प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में नहीं, बल्कि गुजरात में कारखाने लगाए हैं।
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