हैदराबाद: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना सरकार में दो अहम मंत्रालय मिले हैं। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण और सार्वजनिक उपक्रमों का जिम्मा सौंपा है। यह जानकारी तेलंगाना के मुख्य सचिव के रामकृष्णा राव की ओर से जारी एक अधिसूचना में दी गई है। दरअसल अजहरुद्दीन को मिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अब तक मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के पास था। वहीं, सार्वजनिक उपक्रमों का विभाग वे एडलुरी लक्ष्मण कुमार से वापस लिया गया। तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने इन दोनों मंत्रालयों के आवंटन को मंजूरी दे दी है। अजहरुद्दीन ने हाल ही में तेलंगाना कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली थी।
अजहरुद्दीन ने कब ली थी शपथ?
कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बीते शुक्रवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली थी। राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने मुख्यमंत्री सहित कई महत्वपूर्ण नेताओं की उपस्थिति में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में अजहरुद्दीन ने उन्हें मंत्री बनाए जाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और के सी वेणुगोपाल का आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है। मैं आलाकमान का, अपने समर्थकों का, शुक्रिया अदा करता हूं।
अजहरुद्दीन क्यों बने कैबिनेट का हिस्सा?
अजहरुद्दीन के शामिल होने से मंत्रिमंडल में कुल सदस्यों की संख्या 16 हो गई है, जबकि दो और जगह खाली हैं। विधानसभा सदस्यों की संख्या के अनुसार, तेलंगाना में अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं। पूर्व क्रिकेटर को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना एक अहम कदम माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी जुबली हिल्स उपचुनाव में पूरी ताकत से लड़ रही है, जहां एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। इस साल जून में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया है।
अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले पहले मंत्री
तेलंगाना सरकार ने अगस्त में राज्यपाल कोटे से अजहरुद्दीन को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) नामित किया था। हालांकि, राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। अजहरुद्दीन ने 2023 के विधानसभा चुनाव में जुबली हिल्स क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस सूत्रों ने बताया था कि कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध किया कि अजहरुद्दीन को मंत्री बनाया जाए, क्योंकि इस समय राज्य मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। सूत्रों ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने अजहरुद्दीन के नाम को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल में शामिल होने के साथ पूर्व क्रिकेटर राज्य मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले पहले मंत्री बन गए हैं।
अजहरुद्दीन ने कब ली थी शपथ?
कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बीते शुक्रवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली थी। राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने मुख्यमंत्री सहित कई महत्वपूर्ण नेताओं की उपस्थिति में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में अजहरुद्दीन ने उन्हें मंत्री बनाए जाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और के सी वेणुगोपाल का आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है। मैं आलाकमान का, अपने समर्थकों का, शुक्रिया अदा करता हूं।
Hon'ble Minister Mohammad Azharuddin (@azharflicks)
— IPRDepartment (@IPRTelangana) November 4, 2025
has been allocated the portfolios of Minority Welfare and Public Enterprises.#Telangana #Azharuddin #MinorityWelfare #PublicEnterprises #iprtelangana #TelanganaGovernment pic.twitter.com/RQLDWwgWTA
अजहरुद्दीन क्यों बने कैबिनेट का हिस्सा?
अजहरुद्दीन के शामिल होने से मंत्रिमंडल में कुल सदस्यों की संख्या 16 हो गई है, जबकि दो और जगह खाली हैं। विधानसभा सदस्यों की संख्या के अनुसार, तेलंगाना में अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं। पूर्व क्रिकेटर को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना एक अहम कदम माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी जुबली हिल्स उपचुनाव में पूरी ताकत से लड़ रही है, जहां एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। इस साल जून में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया है।
अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले पहले मंत्री
तेलंगाना सरकार ने अगस्त में राज्यपाल कोटे से अजहरुद्दीन को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) नामित किया था। हालांकि, राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। अजहरुद्दीन ने 2023 के विधानसभा चुनाव में जुबली हिल्स क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस सूत्रों ने बताया था कि कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध किया कि अजहरुद्दीन को मंत्री बनाया जाए, क्योंकि इस समय राज्य मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। सूत्रों ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने अजहरुद्दीन के नाम को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल में शामिल होने के साथ पूर्व क्रिकेटर राज्य मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले पहले मंत्री बन गए हैं।
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