पटना: बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, जिसके नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बार चुनावी मैदान में NDA और महागठबंधन के साथ प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी है, जिससे मुकाबला रोचक हो गया है। चुनाव से ठीक पहले टाइम्स नाउ न्यूज चैनल के JVC ओपिनियन पोल में NDA को सत्ता में वापसी का संकेत मिला है। पोल के अनुसार, NDA को 120-140 सीटें मिलने की संभावना है, जो बहुमत के करीब है। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 93-112 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है, जिससे दोनों गठबंधनों के बीच कड़ी टक्कर है।
बिहार चुनाव के सर्वे में एनडीए को बहुमतJVC पोल की ओर से किए गए एक ओपिनियन पोल में ये अनुमान लगाया गया है कि आगामी विधानसभा चुनावों में जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) बिहार में सत्ता बरकरार रख सकता है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में NDA को 120 से 140 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन (MGB) 93 से 112 सीटें जीत सकता है। इस बीच, भाजपा 70 से 81 सीटों के साथ विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनने की उम्मीद है। सर्वे में यह भी अनुमान लगाया गया है कि जदयू को 42 से 48, लोजपा (रामविलास) को 5 से 7, हम (सेक्युलर) को 2, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं।
प्रशांत किशोर के लिए अच्छी खबर नहींमहागठबंधन के भीतर, राजद को 69 से 78, कांग्रेस को 9 से 17, सीपीआई (एमएल) को 12 से 14, सीपीआई को 1 और सीपीएम को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं। जेवीसी पोल में रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी केवल एक सीट के साथ अपना खाता खोल सकती है। वहीं, एआईएमआईएम, बसपा और अन्य को 8 से 10 सीटें मिलने की संभावना है।
पॉपुलारिटी चार्ट में टॉप पर कौन?JVC पोल सर्वे के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव 33 प्रतिशत समर्थन के साथ सबसे पसंदीदा चेहरा हैं। नीतीश कुमार 29 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि चिराग पासवान और प्रशांत किशोर 10-10 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर हैं। इसके अलावा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी 9 प्रतिशत के साथ पीछे हैं, और केवल 4 प्रतिशत लोगों ने भाजपा से किसी अन्य चेहरे को पसंद किया। 5 प्रतिशत ने महागठबंधन से किसी और चेहरे को चुना।
वोट शेयर में मात्र 2 फीसदी का फासलाओपिनियन पोल के अनुसार, NDA को 41 प्रतिशत से 43 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन 39 प्रतिशत से 41 प्रतिशत के साथ काफी करीब है। जन सुराज पार्टी 6 प्रतिशत से 7 प्रतिशत वोट हासिल कर सकती है। अन्य छोटी पार्टियां 10 प्रतिशत से 11 प्रतिशत वोट हासिल कर सकती हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होनी है। अंतिम सूची में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ है, जबकि इस साल 24 जून तक 7.89 करोड़ मतदाता थे। चुनाव आयोग की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मसौदा सूची से 65 लाख मतदाताओं को हटा दिया गया था। 1 अगस्त 2025 तक मसौदा सूची में मतदाताओं की संख्या 7.24 करोड़ थी।
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा और 74 सीटें जीतीं, जिसमें 19.8% वोट शेयर हासिल किया। जनता दल (यूनाइटेड) ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा और 43 सीटें जीतीं, जिसमें 15.7% वोट शेयर था। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा, चार जीतीं, और 0.9% वोट शेयर हासिल किया।
बिहार चुनाव के सर्वे में एनडीए को बहुमतJVC पोल की ओर से किए गए एक ओपिनियन पोल में ये अनुमान लगाया गया है कि आगामी विधानसभा चुनावों में जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) बिहार में सत्ता बरकरार रख सकता है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में NDA को 120 से 140 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन (MGB) 93 से 112 सीटें जीत सकता है। इस बीच, भाजपा 70 से 81 सीटों के साथ विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनने की उम्मीद है। सर्वे में यह भी अनुमान लगाया गया है कि जदयू को 42 से 48, लोजपा (रामविलास) को 5 से 7, हम (सेक्युलर) को 2, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं।
प्रशांत किशोर के लिए अच्छी खबर नहींमहागठबंधन के भीतर, राजद को 69 से 78, कांग्रेस को 9 से 17, सीपीआई (एमएल) को 12 से 14, सीपीआई को 1 और सीपीएम को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं। जेवीसी पोल में रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी केवल एक सीट के साथ अपना खाता खोल सकती है। वहीं, एआईएमआईएम, बसपा और अन्य को 8 से 10 सीटें मिलने की संभावना है।
पॉपुलारिटी चार्ट में टॉप पर कौन?JVC पोल सर्वे के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव 33 प्रतिशत समर्थन के साथ सबसे पसंदीदा चेहरा हैं। नीतीश कुमार 29 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि चिराग पासवान और प्रशांत किशोर 10-10 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर हैं। इसके अलावा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी 9 प्रतिशत के साथ पीछे हैं, और केवल 4 प्रतिशत लोगों ने भाजपा से किसी अन्य चेहरे को पसंद किया। 5 प्रतिशत ने महागठबंधन से किसी और चेहरे को चुना।
वोट शेयर में मात्र 2 फीसदी का फासलाओपिनियन पोल के अनुसार, NDA को 41 प्रतिशत से 43 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन 39 प्रतिशत से 41 प्रतिशत के साथ काफी करीब है। जन सुराज पार्टी 6 प्रतिशत से 7 प्रतिशत वोट हासिल कर सकती है। अन्य छोटी पार्टियां 10 प्रतिशत से 11 प्रतिशत वोट हासिल कर सकती हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होनी है। अंतिम सूची में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ है, जबकि इस साल 24 जून तक 7.89 करोड़ मतदाता थे। चुनाव आयोग की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मसौदा सूची से 65 लाख मतदाताओं को हटा दिया गया था। 1 अगस्त 2025 तक मसौदा सूची में मतदाताओं की संख्या 7.24 करोड़ थी।
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा और 74 सीटें जीतीं, जिसमें 19.8% वोट शेयर हासिल किया। जनता दल (यूनाइटेड) ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा और 43 सीटें जीतीं, जिसमें 15.7% वोट शेयर था। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा, चार जीतीं, और 0.9% वोट शेयर हासिल किया।
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