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पटना एम्स के डॉक्टर हड़ताल पर गए, ओपीडी-इमरजेंसी ठप, MLA चेतन आनंद के खिलाफ FIR ने की मांग

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पटना: बिहार की राजधानी पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान किया है। हड़ताल की वजह से पटना एम्स में शुक्रवार को सुबह नौ बजे से ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवा तक ठप हो गया है। डॉक्टरों का आरोप है कि बाहुबली आनंद मोहन और सांसद लवली आनंद के विधायक बेटे चेतन आनंद ने मारपीट की है। आरोप है कि चेतन आनंद ने एम्स के सुरक्षाकर्मियों और डॉक्टरों के साथ मारपीट की है।



चेतन आनंद पर डॉक्टरों से मारपीट का आरोप

पटना के एम्स अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर शुक्रवार को अचानक काम पर नहीं आए। उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी। डॉक्टरों का कहना है कि शिवहर के विधायक चेतन आनंद ने अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की। डॉक्टरों का यह भी आरोप है कि विधायक ने एक रेजिडेंट डॉक्टर को जान से मारने की धमकी दी।



डॉक्टरों ने मांग की है कि चेतन आनंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। वहीं, विधायक चेतन आनंद ने फुलवारी थाने में एम्स के स्टाफ पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। इससे माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया है।



ट्रॉमा सेंटर में मारपीट की घटना का आरोप

पटना एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में हड़ताल की जानकारी दी गई है। डॉक्टरों का कहना है कि 30 जुलाई को रात लगभग 11 बजे ट्रॉमा सेंटर में मारपीट हुई थी।



डॉक्टरों का आरोप है कि विधायक चेतन आनंद, उनकी पत्नी डॉ. आयुषी सिंह और उनके गार्ड जबरदस्ती अस्पताल में घुस आए। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की और हथियार लहराते हुए ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी दी।



FIR दर्ज होने तक हड़ताल की धमकी

डॉक्टरों का कहना है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने एम्स प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन स्टाफ की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं कर रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इस घटना के बाद से वे डरे हुए हैं और खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।



रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा है कि जब तक विधायक चेतन आनंद, उनकी पत्नी और गार्ड के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे इमरजेंसी सेवा भी बंद कर देंगे। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें डर लग रहा है और वे चाहते हैं कि अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाई जाए।

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