अहमदाबाद    : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के नंदी स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने हाथ जोड़कर महान नेता को याद किया और सरदार पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में भाग लिया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में महिला पुलिसकर्मियों ने परेड का नेतृत्व किया। शपथ ग्रहण समारोह का नेतृत्व एक महिला अफसर ने किया। युवा महिला अफसर कौन है, इसके चर्चे होने लगे। आपको बता दें कि यह महिला अफसर गुजरात कैडर की आईपीएस सिमरन भारद्वाज हैं।   
   
सिमरन भारद्वाज हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली हैं। उनका पारिवारिक बैकग्राउंड सेना है। सिमरन ने खुद 2021 में सीडीएस की टॉप लिस्ट में जगह बनाई थी। वह सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चुनी गईं लेकिन फिर सिमरन ने यूपीएससी क्रैक किया और आईपीएस बन गईं।
     
सीडीएस की रहीं टॉपरसिमरन भारद्वाज ने साल 2022 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2021 क्रैक किया। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 172वीं हासिल कर ली थी। इससे पहले उन्होंने सीडीएस में ऑल इंडिया रैंक 6 हासिल की थी। हरियाणा के रेवाड़ी की सिमरन भारद्वाज भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चुनी गईं थीं लेकिन सिविल सेवा में जाने के कारण उन्होंने सेना में भर्ती नहीं हुईं।
     
पिता सेना में कर्नल
सिमरन भारद्वाज कि पिता का नाम कर्नल मनोज भारद्वाज है। सिमरन का चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भी हुआ था, लेकिन उन्होंने जॉइनिंग नहीं की। सिमरन का सीडीएस परीक्षा उत्तीर्ण करना और टॉप लिस्ट में जगह बनाना खूब चर्चित हुआ था क्योंकि महिलाओं को तभी एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई थी।
   
सेल्फ स्टडी की
सिमरन भारद्वाज ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। उसके उन्होंने वह मध्य प्रदेश के महू में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। क्योंकि यहीं पर उनके पिता की तैनाती थी। कोरोना लॉकडाउन लग चुका था। वह समय बर्बाद नहीं करना चाहती थीं। उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली और सेल्फ स्टडी को चुना। इसके लिए उन्होंने यूपीएससी टॉपर्स के 50 से ज्यादा इंटरव्यू और दूसरे वीडियो देखे।
   
मां ने किया मोटिवेटतब एक इंटरव्यू में सिमरन ने बताया था कि यूपीएससी सीएसई पास करना 13 साल की उम्र से ही उनका सपना था। अपने सैन्य अधिकारी पिता के अलग-अलग पदों पर तबादलों के कारण उन्होंने बचपन में एक जगह से दूसरी जगह घूमते हुए बिताया था। उनकी मां ने हमेशाा उन्हें मोटिवेट किया।
   
जम्मू और दिल्ली से की पढ़ाईसिमरन की शुरुआती पढ़ाई जम्मू के आर्मी पब्लिक स्कूल से हुई। यहीं से उन्होंने 12वीं की। उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज में दाखिला लिया और दिल्ली आ गईं। केएनसी में अपने कार्यकाल के दौरान, सिमरन कॉलेज की राष्ट्रीय कैडेट कोर शाखा का भी हिस्सा रहीं, जहां उन्होंने बेहद सक्रिय भूमिका निभाई। एनसीसी में रहते हुए, उन्हें अपने आसपास के लोगों, खासकर अपनी टीम के लिए काम करने की आदत हो गई। और उन्हें पहले से कहीं ज़्यादा यकीन हो गया कि सार्वजनिक सेवा ही वह जगह है जहां उन्हें होना चाहिए।
  
सिमरन भारद्वाज हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली हैं। उनका पारिवारिक बैकग्राउंड सेना है। सिमरन ने खुद 2021 में सीडीएस की टॉप लिस्ट में जगह बनाई थी। वह सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चुनी गईं लेकिन फिर सिमरन ने यूपीएससी क्रैक किया और आईपीएस बन गईं।
सीडीएस की रहीं टॉपरसिमरन भारद्वाज ने साल 2022 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2021 क्रैक किया। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 172वीं हासिल कर ली थी। इससे पहले उन्होंने सीडीएस में ऑल इंडिया रैंक 6 हासिल की थी। हरियाणा के रेवाड़ी की सिमरन भारद्वाज भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चुनी गईं थीं लेकिन सिविल सेवा में जाने के कारण उन्होंने सेना में भर्ती नहीं हुईं।
पिता सेना में कर्नल
सिमरन भारद्वाज कि पिता का नाम कर्नल मनोज भारद्वाज है। सिमरन का चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भी हुआ था, लेकिन उन्होंने जॉइनिंग नहीं की। सिमरन का सीडीएस परीक्षा उत्तीर्ण करना और टॉप लिस्ट में जगह बनाना खूब चर्चित हुआ था क्योंकि महिलाओं को तभी एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई थी।
सेल्फ स्टडी की
सिमरन भारद्वाज ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। उसके उन्होंने वह मध्य प्रदेश के महू में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। क्योंकि यहीं पर उनके पिता की तैनाती थी। कोरोना लॉकडाउन लग चुका था। वह समय बर्बाद नहीं करना चाहती थीं। उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली और सेल्फ स्टडी को चुना। इसके लिए उन्होंने यूपीएससी टॉपर्स के 50 से ज्यादा इंटरव्यू और दूसरे वीडियो देखे।
मां ने किया मोटिवेटतब एक इंटरव्यू में सिमरन ने बताया था कि यूपीएससी सीएसई पास करना 13 साल की उम्र से ही उनका सपना था। अपने सैन्य अधिकारी पिता के अलग-अलग पदों पर तबादलों के कारण उन्होंने बचपन में एक जगह से दूसरी जगह घूमते हुए बिताया था। उनकी मां ने हमेशाा उन्हें मोटिवेट किया।
जम्मू और दिल्ली से की पढ़ाईसिमरन की शुरुआती पढ़ाई जम्मू के आर्मी पब्लिक स्कूल से हुई। यहीं से उन्होंने 12वीं की। उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज में दाखिला लिया और दिल्ली आ गईं। केएनसी में अपने कार्यकाल के दौरान, सिमरन कॉलेज की राष्ट्रीय कैडेट कोर शाखा का भी हिस्सा रहीं, जहां उन्होंने बेहद सक्रिय भूमिका निभाई। एनसीसी में रहते हुए, उन्हें अपने आसपास के लोगों, खासकर अपनी टीम के लिए काम करने की आदत हो गई। और उन्हें पहले से कहीं ज़्यादा यकीन हो गया कि सार्वजनिक सेवा ही वह जगह है जहां उन्हें होना चाहिए।
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