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इजरायल ने तैयार किया Arrow 4 एयर डिफेंस सिस्टम, क्या ईरान की सभी बैलिस्टिक मिसाइलों को कर लेगा इंटरसेप्ट, जानिए क्षमता?

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तेल अवीव: इजरायल ने कहा है कि उसने एरो-4 एयर डिफेंस सिस्टम बना लिया है और बहुत जल्द इसे देश की सुरक्षा में तैनात कर दिया जाएगा। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के सीईओ बोआज लेवी ने इस बात की पुष्टि की है कि Arrow-4 की तैनाती अब सिर्फ समय की बात है। यह मिसाइल मौजूदा Arrow-3 का ही अगला वैरिएंट है, जिसे छोटे रेंज पर ज्यादा सटीकता के साथ बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके अलावा इजरायल Arrow-5 पर भी काम कर रहा है। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के मुताबिक Arrow-4 सिस्टम को “शूट-लुक-शूट” ऑपरेशनल थ्योरी के आधार पर तैयार किया गया है। यानी यह लॉन्च के बाद लक्ष्य की दिशा में सुधार करके उसे ज्यादा प्रभावी ढंग से नष्ट कर सकती है। इसमें नई वॉरहेड टेक्नोलॉजी और बेहतर सीकर सिस्टम शामिल है, जिससे यह हाइपरसोनिक और एडवांस्ड बैलिस्टिक मिसाइलों का भी मुकाबला कर सकती है।



ईरान ने हालिया संघर्ष के दौरान इजरायल के खिलाफ एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल करीब 85 प्रतिशत एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में कामयाब रहा, फिर भी करीब 50 मिसाइलें इजरायल में गिरी, जिससे भारी तबाही देखने को मिली। ऐसे में एरो-4 को बनाने का मकसद एयर डिफेंस सिस्टम के उस गैप को भरना है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन इजरायल के खिलाफ कर सकते हैं।



इजरायल का Arrow 4 एयर डिफेंस सिस्टम तैयार

रिपोर्ट के मुताबिक इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को इजरायली सेना में शामिल होने में करीब 2 सालों का वक्त लगेगा। लेकिन कंपनी को जल्द से जल्द मिसाइलों को सिस्टम से इंटीग्रेट करने के लिए कहा गया है। वहीं जिस एरो-5 पर फिलहाल इजरायल काम कर रहा है, उसे एरो-3 की जगह तैनात किया जाएगा, जिससे मोस्ट एडवांस बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को भी खत्म किया जा सके। लेकिन एरो-4 की तैनाती के बाद इजरायल को एरो-2 और एरो-3 के ऊपर सिक्योरिटी का एक और लेयर मिल जाएगा। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2021 में हुई थी, जब इजरायल और अमेरिका ने मिलकर Arrow-4 के ज्वाइंट डेवलपमेंट की घोषणा की थी। यह दोनों देशों के बीच तकनीकी साझेदारी को भी दर्शाता है।



एरो सीरिज के डिफेंस सिस्टम, पहले से ही दुनिया की पहली पूरी तरह ऑपरेशनल एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है, जिसमें Arrow-2 और Arrow-3 शामिल हैं। ये मिसाइलें 3 किमी/सेकंड तक की गति से आने वाली मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकती हैं। अब Arrow-4 के आने से यह नेटवर्क और भी ज्यादा घातक बन जाएगा। इसमें हाइपरसोनिक मिसाइलों को खत्म करने की क्षमता है और मिड-कोर्स करेक्शन की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है।

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