पटनाः बिहार में पुल गिरने की एक लंबी कड़ी है। कुछ तो बाढ़ की भेंट चढ़े और कुछ तो वैसे गिरे जैसे कागज के पुल हो। इस पुल गिरने की ऐसी कई घटनाएं हैं जो चौंकाते रही पर जून जुलाई 2024 में एक-एक करके गिरते पुल ने सबको हतप्रभ कर दिया। जानते हैं वर्ष 2024 के जून जुलाई का वह काल जब एक-एक कर के पुल गिरते रहे। हुआ यह कि मात्र 18 दिनों में 12 पुल गिर चुके थे। 18 जून को सबसे पहले अररिया जिले में सिकटी प्रखंड में एक पुल गिरा था। इसके बाद तो पुल गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और एक पखवाड़े में करीब 10 पुल गिर गए। जानते हैं कौन से पुल कब गिरे।
पुल गिरने का इतिहास
बिहार में कितने पुल गिरे यह समग्रता में बताना कठिन है। लेकिन वर्ष 2024 के मॉनसून सीजन में 17 दिनों के भीतर 12 पुल गिरे थे। वहीं, कुछ महीनों की बात करें तो, जून-जुलाई 2024 के आसपास के 15 दिनों में 9 पुल गिरे थे, जिनमें से 3 एक ही दिन में ढह गए। जुलाई 2024 में एक ही दिन में सिवान और सारण जिलों में पांच पुल गिर गए थे। वर्ष 2024 मानसून के दौरान 17 दिनों के भीतर 12 पुल ढह गए थे।
जानते हैं वे पुल जो मौसम की मार नहीं झेल पाए सिकटी ब्लॉक: बकरी नदी पर बना यह पुल केवल तेज धार को सहन नहीं कर पाया और धराशाई हो गया। यह पुल बकरा नदी पर बना था। वर्ष 1991 में दारौंदा से महराजगंज को जोड़ने के लिए बना था। यह पुल भी मौसम का मार नहीं खेल सका और धराशाई हो गया। घोड़ा सहन ब्लॉक का पुल वर्ष 2024 में ही बना और वर्ष भर भी मौसम की मार नहीं झेल सका। मारिया नदी पर बना पुल वर्ष 2011 में ही बना और वर्ष 2024 में ध्वस्त भी हो गया।यह पुल किशनगंज के बहादुरगंज ब्लॉक में स्थित था। झंझारपुर के भूतही नदी पर बना पुल भी ध्वस्त हो गया। इसका निर्माण काल वर्ष 2021 था। किशनगंज स्थित बूंद नदी पर बना पुल भी इसी वर्ष ढह गया। इसका निर्माण वर्ष वर्ष 2007 था। गंडक नदी पर बना देवरिया सिवान पुल भी ध्वस्त हो गया। इसका निर्माण वर्ष 1982 में किया गया था। गंडक नदी पर बना छपरा बांध भी पानी के तेज बहाव में दह गया। यह पुल वर्ष 2010 में बना था सिकंदरपुर के पास स्थित पुल जो सिवान और महाराजगंज को जोड़ता था वह पुल भी टूट गया। इस पुल का निर्माण वर्ष 2004 था। सिवान के धमई नदी पर बना पुल भी इसी जून जुलाई 2024 में ही ध्वस्त हो गया था। इस पुल का निर्माण वर्ष 1998 रहा है। छपरा सारण में वर्ष 1990 में बना गंडक नदी का पुल भी बरसात नहीं झेल पाया। बनियापुर : सारण: गंडक नदी पर बना पुल भी वर्ष 2024 की में ढेर हो गया। इसका निर्माण काल भी 2009 था।
लहरा कर गिरे ये 12 पुल
1.सिकटी ब्लॉक अररिया पुल
वर्ष : 2024
नदी :बकरा नदी
2.महाराजगंज सिवान
वर्ष 1991
दारौंदा से महराजगंज को जोड़ने वाला पुल
3.बहादुरगंज ब्लॉक किशनगंज
वर्ष 2011
नदी : मारिया नदी
4.घोड़ा सहन ब्लॉक
पूर्वी चंपारण
वर्ष 2024
5.झंझारपुर
वर्ष 2021
नदी भूतही नदी
6.पथरिया किशनगंज
वर्ष 2007
नदी: बूंद नदी
7.देवरिया सिवान
वर्ष 1982
नदी: गंडक
8.जनता बांध,छपरा
वर्ष 2010
गंडक नदी
9.महराजगंज सिवान
वर्ष 2004
सिकंदरपुर के पास
10.महराजगंज सिवान
वर्ष 1998
नदी धमई
11.छपरा सारण
वर्ष 1990
नदी : गंडक
12.बनियापुर सारण
वर्ष :2009
नदी गंडक
पुल गिरने का इतिहास
बिहार में कितने पुल गिरे यह समग्रता में बताना कठिन है। लेकिन वर्ष 2024 के मॉनसून सीजन में 17 दिनों के भीतर 12 पुल गिरे थे। वहीं, कुछ महीनों की बात करें तो, जून-जुलाई 2024 के आसपास के 15 दिनों में 9 पुल गिरे थे, जिनमें से 3 एक ही दिन में ढह गए। जुलाई 2024 में एक ही दिन में सिवान और सारण जिलों में पांच पुल गिर गए थे। वर्ष 2024 मानसून के दौरान 17 दिनों के भीतर 12 पुल ढह गए थे।
जानते हैं वे पुल जो मौसम की मार नहीं झेल पाए
लहरा कर गिरे ये 12 पुल
1.सिकटी ब्लॉक अररिया पुल
वर्ष : 2024
नदी :बकरा नदी
2.महाराजगंज सिवान
वर्ष 1991
दारौंदा से महराजगंज को जोड़ने वाला पुल
3.बहादुरगंज ब्लॉक किशनगंज
वर्ष 2011
नदी : मारिया नदी
4.घोड़ा सहन ब्लॉक
पूर्वी चंपारण
वर्ष 2024
5.झंझारपुर
वर्ष 2021
नदी भूतही नदी
6.पथरिया किशनगंज
वर्ष 2007
नदी: बूंद नदी
7.देवरिया सिवान
वर्ष 1982
नदी: गंडक
8.जनता बांध,छपरा
वर्ष 2010
गंडक नदी
9.महराजगंज सिवान
वर्ष 2004
सिकंदरपुर के पास
10.महराजगंज सिवान
वर्ष 1998
नदी धमई
11.छपरा सारण
वर्ष 1990
नदी : गंडक
12.बनियापुर सारण
वर्ष :2009
नदी गंडक
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