अयोध्या: अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में आज यानी 23 अक्टूबर से नई दिनचर्या लागू कर दी गई है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह बदलाव शीत ऋतु को ध्यान में रखते हुए किया है, ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई असुविधा न हो और आरती की व्यवस्थाएं अधिक सुचारु रूप से संपन्न हो सकें। अब मंदिर में दर्शन का समय सुबह 7 बजे से शुरू होगा, जबकि पहले यह 6:30 बजे से प्रारंभ होता था।
मंगला आरती का समय भी आधा घंटा बढ़ाया गया है, पहले यह सुबह 4 बजे होती थी, अब 4:30 बजे से संपन्न होगी। इसके बाद श्रृंगार आरती सुबह 6:30 बजे होगी, जिसके पश्चात श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के द्वार 7 बजे खोले जाएंगे।
दोपहर के समय मंदिर में 12:30 बजे से 1:00 बजे तक भोग और मध्याह्न विश्राम के कारण पट बंद रहेंगे। इसके बाद पुनः श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था खोली जाएगी। शाम को दर्शन का समय अब रात 9:15 बजे तक रहेगा, यानी लगभग 45 मिनट की कमी की गई है। रात को शयन आरती 9:30 बजे से शुरू होगी, जिसके तुरंत बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि मौसम में ठंडक बढ़ने के कारण यह परिवर्तन आवश्यक था। देर रात तक दर्शन कराने में कठिनाइयां बढ़ जाती हैं, इसलिए यह नई समय-सारिणी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा दोनों के दृष्टिकोण से बनाई गई है। अब मंदिर का संचालन अधिक नियमित और अनुशासित तरीके से किया जाएगा, जिससे भीड़ प्रबंधन और व्यवस्था बनाए रखने में भी आसानी होगी।
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे सुबह 7 बजे के बाद ही दर्शन के लिए पहुंचें और दोपहर 12:30 से 1:00 बजे के बीच मंदिर न आएं, क्योंकि इस अवधि में पट बंद रहेंगे। साथ ही, शाम के समय शयन आरती के बाद प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। शीत ऋतु के आगमन को देखते हुए श्रद्धालुओं को गर्म कपड़ों के साथ आने की भी सलाह दी गई है, ताकि दर्शन का अनुभव सहज और सुखद बना रहे।
मंगला आरती का समय भी आधा घंटा बढ़ाया गया है, पहले यह सुबह 4 बजे होती थी, अब 4:30 बजे से संपन्न होगी। इसके बाद श्रृंगार आरती सुबह 6:30 बजे होगी, जिसके पश्चात श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के द्वार 7 बजे खोले जाएंगे।
दोपहर के समय मंदिर में 12:30 बजे से 1:00 बजे तक भोग और मध्याह्न विश्राम के कारण पट बंद रहेंगे। इसके बाद पुनः श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था खोली जाएगी। शाम को दर्शन का समय अब रात 9:15 बजे तक रहेगा, यानी लगभग 45 मिनट की कमी की गई है। रात को शयन आरती 9:30 बजे से शुरू होगी, जिसके तुरंत बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि मौसम में ठंडक बढ़ने के कारण यह परिवर्तन आवश्यक था। देर रात तक दर्शन कराने में कठिनाइयां बढ़ जाती हैं, इसलिए यह नई समय-सारिणी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा दोनों के दृष्टिकोण से बनाई गई है। अब मंदिर का संचालन अधिक नियमित और अनुशासित तरीके से किया जाएगा, जिससे भीड़ प्रबंधन और व्यवस्था बनाए रखने में भी आसानी होगी।
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे सुबह 7 बजे के बाद ही दर्शन के लिए पहुंचें और दोपहर 12:30 से 1:00 बजे के बीच मंदिर न आएं, क्योंकि इस अवधि में पट बंद रहेंगे। साथ ही, शाम के समय शयन आरती के बाद प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। शीत ऋतु के आगमन को देखते हुए श्रद्धालुओं को गर्म कपड़ों के साथ आने की भी सलाह दी गई है, ताकि दर्शन का अनुभव सहज और सुखद बना रहे।
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