नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा। न्यूनतम पारा जैसे-जैसे नीचे जा रहा स्मॉग लोगों को और परेशान कर रहे। दिल्ली-एनसीआर रविवार को धुंध की मोटी चादर में लिपटा रहा। शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गया। कुछ इलाकों में स्थिति और बिगड़ गई, जहां एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 24 घंटे का औसत एक्यूआई 361 रहा।
स्मॉग-प्रदूषण ने बढ़ाई टेंशन
हालांकि, ताजा आंकड़ों से पता चला है कि 24 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने एक्यूआई का स्तर 400 से ऊपर दर्ज किया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है। वजीरपुर में एक्यूआई 424, बवाना में 424 और विवेक विहार में 415 बना हुआ है। रोहिणी में एक्यूआई 435, नेहरू नगर में 426, बवाना में 426 और आरके पुरम में 422 पर दर्ज किया गया। सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में दिल्ली का आईटीओ इलाका है, जहां एक्यूआई 498 तक पहुंच गया।
दिल्ली के साथ एनसीआर का भी बुरा हाल
दिल्ली के अलावा एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। नोएडा में औसत एक्यूआई 391, ग्रेटर नोएडा में 366, गाजियाबाद में 387 और गुरुग्राम में 252 दर्ज किया गया। हालांकि, शनिवार के मुकाबले रविवार को स्थिति में सुधार देखा गया है। शनिवार को, सीपीसीबी ने दिल्ली को भारत का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया। एनसीआर के पड़ोसी शहरों में भी यही स्थिति रही, जहां नोएडा में एक्यूआई 354, ग्रेटर नोएडा में 336 और गाजियाबाद में 339 दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने क्या दिया अपडेट
वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले सात दिनों तक न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। फिलहाल, सुबह और शाम की ठंडी हवाएं सर्दी को और बढ़ा रही हैं। हालांकि, बारिश की उम्मीद नहीं है और मौसम कोहरा बना रहने की संभावना है।
इसलिए बढ़ रहा प्रदूषण का लेवल
आईएमडी ने कहा कि प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति गिरते तापमान से जुड़ी है, जिससे हवा भारी हो जाती है और हवा की गति कम हो जाती है, जिससे प्रदूषक सतह के पास जमे रहते हैं। इसी कारण कोहरे और धुंध का मिश्रण घना बना रहता है। आईएमडी के अनुसार, निर्माण गतिविधियां और वाहनों से निकलने वाला धुआं भी वायु प्रदूषण बढ़ने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
स्मॉग-प्रदूषण ने बढ़ाई टेंशन
हालांकि, ताजा आंकड़ों से पता चला है कि 24 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने एक्यूआई का स्तर 400 से ऊपर दर्ज किया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है। वजीरपुर में एक्यूआई 424, बवाना में 424 और विवेक विहार में 415 बना हुआ है। रोहिणी में एक्यूआई 435, नेहरू नगर में 426, बवाना में 426 और आरके पुरम में 422 पर दर्ज किया गया। सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में दिल्ली का आईटीओ इलाका है, जहां एक्यूआई 498 तक पहुंच गया।
दिल्ली के साथ एनसीआर का भी बुरा हाल
दिल्ली के अलावा एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। नोएडा में औसत एक्यूआई 391, ग्रेटर नोएडा में 366, गाजियाबाद में 387 और गुरुग्राम में 252 दर्ज किया गया। हालांकि, शनिवार के मुकाबले रविवार को स्थिति में सुधार देखा गया है। शनिवार को, सीपीसीबी ने दिल्ली को भारत का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया। एनसीआर के पड़ोसी शहरों में भी यही स्थिति रही, जहां नोएडा में एक्यूआई 354, ग्रेटर नोएडा में 336 और गाजियाबाद में 339 दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने क्या दिया अपडेट
वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले सात दिनों तक न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। फिलहाल, सुबह और शाम की ठंडी हवाएं सर्दी को और बढ़ा रही हैं। हालांकि, बारिश की उम्मीद नहीं है और मौसम कोहरा बना रहने की संभावना है।
इसलिए बढ़ रहा प्रदूषण का लेवल
आईएमडी ने कहा कि प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति गिरते तापमान से जुड़ी है, जिससे हवा भारी हो जाती है और हवा की गति कम हो जाती है, जिससे प्रदूषक सतह के पास जमे रहते हैं। इसी कारण कोहरे और धुंध का मिश्रण घना बना रहता है। आईएमडी के अनुसार, निर्माण गतिविधियां और वाहनों से निकलने वाला धुआं भी वायु प्रदूषण बढ़ने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
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