उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में हुए चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ लगातार विवादों में है। इस बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में फिल्म निर्माताओं को फिर बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज को लेकर निर्माताओं को कोई राहत नहीं दी। अदालत ने टिप्पणी की कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो बड़ा नुकसान हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 21 जुलाई तय की है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में दखल से किया इनकार
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित इस फिल्म की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद कन्हैयालाल की पत्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल लिखकर फिल्म की रिलीज की मांग की। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में दखल से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई केंद्र सरकार की वैधानिक कमेटी के निर्णय के बाद 21 जुलाई को होगी।
फिल्म रिलीज नहीं हुई तो मुआवजा मिल सकता है
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन अगर नहीं हुई तो निर्माताओं को मुआवजा मिल सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म संस्कृति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और जितना ज्यादा सस्पेंस रहेगा, उतना बेहतर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि संविधान का आर्टिकल-21 (जीवन का अधिकार) आर्टिकल-19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) से पहले आता है। अदालत ने कहा कि सभी पक्ष वैधानिक कमेटी के सामने अपना पक्ष रखें और कमेटी बिना समय गंवाए निर्णय करे।
कन्हैयालाल की पत्नी ने पीएम को लिखा था पत्र
कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा कि मुस्लिम संगठनों और उनके वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से फिल्म पर रोक लगवाई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने खुद फिल्म देखी है, यह सिर्फ कन्हैयालाल की हत्या की कहानी है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’ जशोदा ने लिखा कि तीन साल पहले मेरे पति की हत्या कर दी गई और अब वकील कपिल सिब्बल कह रहे हैं कि जो हुआ उसे फिल्म में नहीं दिखाया जा सकता। उन्होंने आग्रह किया कि मोदी सरकार फिल्म रिलीज पर फैसला करे।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में दखल से किया इनकार
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित इस फिल्म की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद कन्हैयालाल की पत्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल लिखकर फिल्म की रिलीज की मांग की। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में दखल से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई केंद्र सरकार की वैधानिक कमेटी के निर्णय के बाद 21 जुलाई को होगी।
फिल्म रिलीज नहीं हुई तो मुआवजा मिल सकता है
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन अगर नहीं हुई तो निर्माताओं को मुआवजा मिल सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म संस्कृति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और जितना ज्यादा सस्पेंस रहेगा, उतना बेहतर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि संविधान का आर्टिकल-21 (जीवन का अधिकार) आर्टिकल-19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) से पहले आता है। अदालत ने कहा कि सभी पक्ष वैधानिक कमेटी के सामने अपना पक्ष रखें और कमेटी बिना समय गंवाए निर्णय करे।
कन्हैयालाल की पत्नी ने पीएम को लिखा था पत्र
कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा कि मुस्लिम संगठनों और उनके वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से फिल्म पर रोक लगवाई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने खुद फिल्म देखी है, यह सिर्फ कन्हैयालाल की हत्या की कहानी है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’ जशोदा ने लिखा कि तीन साल पहले मेरे पति की हत्या कर दी गई और अब वकील कपिल सिब्बल कह रहे हैं कि जो हुआ उसे फिल्म में नहीं दिखाया जा सकता। उन्होंने आग्रह किया कि मोदी सरकार फिल्म रिलीज पर फैसला करे।
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