शिमला: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भारी बारिश के कारण बड़ी अनहोनी हुई है। निरमंड इलाके में लैंडस्लाइड से 2 घर ध्वस्त हो गए। इससे एक ही परिवार के पांच लोगों की जान चली गई। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल हैं। यह घटना सोमवार रात को हुई। बादल फटने के बाद भूस्खलन हुआ। इस हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। कुल्लू जिले में 23 जगहों पर लैंडस्लाइड से मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।
दो घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त
ग्राम पंचायत प्रधान भोगा राम ने मंगलवार को बताया कि सोमवार रात करीब डेढ़ बजे घाटू पंचायत के शरमानी गांव में बादल फटने से हुई बारिश के बाद भूस्खलन में दो घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। एक ही परिवार के पांच सदस्य शिव राम की पत्नी ब्रस्ती देवी (50), बेटा चुन्नी लाल (32), बहू अंजू (25) और पोती जागृति (आठ) व पोता भूपेश (पांच) मलबे में दब गए जबकि शिव राम, धर्म दास व उनकी पत्नी कला देवी गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना में पांच लोगों की मौत की पुष्टि
अधिकारियों ने बताया कि ब्रस्ती देवी का शव सुबह जल्दी बरामद कर लिया गया जबकि अन्य के शव दिन के समय बरामद किए गए। प्रधान ने बताया कि घायलों को निरमंड अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि प्रशासन को इस घटना की सूचना दे दी गई और ग्रामीण सोमवार रात से ही खोज एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। उप-विभागीय मजिस्ट्रेट मनमोहन सिंह ने घटना में पांच लोगों की मौत की पुष्टि की।
सीएम ने जानमाल के नुकसान पर दुख जताया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया। सुक्खू ने एक बयान में कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है। उन्होंने हर संभव सहायता प्रदान करने का वादा किया। सुक्खू ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस साल 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कुल 378 लोगों की मौत हो चुकी है।
हिमाचल में 4,156 करोड़ रुपये का नुकसान
राज्य को अब तक 4,156 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, इन 370 मौतों में से 205 वर्षाजनित घटनाओं के कारण हुईं, जिनमें 43 मौतें भूस्खलन से, 17 बादल फटने से और नौ अचानक आई बाढ़ से हुईं। कुल्लू में सोमवार तक भूस्खलन की 22 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें सबसे अधिक 15 लोगों की जान गई है।
दो घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त
ग्राम पंचायत प्रधान भोगा राम ने मंगलवार को बताया कि सोमवार रात करीब डेढ़ बजे घाटू पंचायत के शरमानी गांव में बादल फटने से हुई बारिश के बाद भूस्खलन में दो घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। एक ही परिवार के पांच सदस्य शिव राम की पत्नी ब्रस्ती देवी (50), बेटा चुन्नी लाल (32), बहू अंजू (25) और पोती जागृति (आठ) व पोता भूपेश (पांच) मलबे में दब गए जबकि शिव राम, धर्म दास व उनकी पत्नी कला देवी गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना में पांच लोगों की मौत की पुष्टि
अधिकारियों ने बताया कि ब्रस्ती देवी का शव सुबह जल्दी बरामद कर लिया गया जबकि अन्य के शव दिन के समय बरामद किए गए। प्रधान ने बताया कि घायलों को निरमंड अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि प्रशासन को इस घटना की सूचना दे दी गई और ग्रामीण सोमवार रात से ही खोज एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। उप-विभागीय मजिस्ट्रेट मनमोहन सिंह ने घटना में पांच लोगों की मौत की पुष्टि की।
सीएम ने जानमाल के नुकसान पर दुख जताया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया। सुक्खू ने एक बयान में कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है। उन्होंने हर संभव सहायता प्रदान करने का वादा किया। सुक्खू ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस साल 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कुल 378 लोगों की मौत हो चुकी है।
हिमाचल में 4,156 करोड़ रुपये का नुकसान
राज्य को अब तक 4,156 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, इन 370 मौतों में से 205 वर्षाजनित घटनाओं के कारण हुईं, जिनमें 43 मौतें भूस्खलन से, 17 बादल फटने से और नौ अचानक आई बाढ़ से हुईं। कुल्लू में सोमवार तक भूस्खलन की 22 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें सबसे अधिक 15 लोगों की जान गई है।
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