नई दिल्ली: भारतीय टीम की स्टार तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर ने हाल ही में महिला वर्ल्ड कप में कमाल का प्रदर्शन किया। टीम इंडिया ने पहली बार कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती और महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर खिताब जीत लिया। इस जीत के बाद रेणुका ने एक बड़ा बयान दिया है।
रेणुका ठाकुर का बड़ा बयानरेणुका ठाकुर ने रविवार को यहां कहा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप जीतकर एक मानक स्थापित कर दिया है और टीम का अगला लक्ष्य जीत को आदत बनाना है। रेणुका का शिमला जिले में स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचने पर उनके परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। उन्होंने रोहड़ू के निकट प्रसिद्ध हाटकोटी मंदिर में जाकर आशीर्वाद भी लिया।
चाचा और मां को दिया श्रेयरेणुका ने इस अवसर पर पत्रकारों से कहा, ‘मेरी कड़ी मेहनत रंग ला रही है, लेकिन इसका श्रेय मेरी मां और भूपिंदर चाचा को जाता है, जिन्होंने मेरी प्रतिभा को पहचाना और मेरा पूरा साथ दिया।' रेणुका ने अपने हाथ पर अपने पिता का एक टैटू गुदवाया है जो उनके लिए प्रेरणा का काम करता है क्योंकि उनके पिता केहर सिंह ठाकुर का सपना था कि उनके बच्चे खेलों में आगे बढ़ें। जब वह सिर्फ़ तीन साल की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया था और उनकी मां सुनीता ठाकुर ने अकेले ही रेणुका और उनके भाई का पालन-पोषण किया।
उन्होंने कहा, ‘हम पर काफी दबाव था क्योंकि हम लगातार तीन मैच हार चुके थे और आखिरी तीन मैच निर्णायक थे, लेकिन हमें विश्व कप जीतने की पूरी उम्मीद थी। अब हमारा लक्ष्य जीत को अपनी आदत बनाना है।’
रेणुका ठाकुर का बड़ा बयानरेणुका ठाकुर ने रविवार को यहां कहा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप जीतकर एक मानक स्थापित कर दिया है और टीम का अगला लक्ष्य जीत को आदत बनाना है। रेणुका का शिमला जिले में स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचने पर उनके परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। उन्होंने रोहड़ू के निकट प्रसिद्ध हाटकोटी मंदिर में जाकर आशीर्वाद भी लिया।
चाचा और मां को दिया श्रेयरेणुका ने इस अवसर पर पत्रकारों से कहा, ‘मेरी कड़ी मेहनत रंग ला रही है, लेकिन इसका श्रेय मेरी मां और भूपिंदर चाचा को जाता है, जिन्होंने मेरी प्रतिभा को पहचाना और मेरा पूरा साथ दिया।' रेणुका ने अपने हाथ पर अपने पिता का एक टैटू गुदवाया है जो उनके लिए प्रेरणा का काम करता है क्योंकि उनके पिता केहर सिंह ठाकुर का सपना था कि उनके बच्चे खेलों में आगे बढ़ें। जब वह सिर्फ़ तीन साल की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया था और उनकी मां सुनीता ठाकुर ने अकेले ही रेणुका और उनके भाई का पालन-पोषण किया।
उन्होंने कहा, ‘हम पर काफी दबाव था क्योंकि हम लगातार तीन मैच हार चुके थे और आखिरी तीन मैच निर्णायक थे, लेकिन हमें विश्व कप जीतने की पूरी उम्मीद थी। अब हमारा लक्ष्य जीत को अपनी आदत बनाना है।’
You may also like

नोएडा में सांस लेना मुश्किल, 366 पहुंचा AQI नवंबर में सर्वाधिक, स्मॉग छाने से विजिबिलिटी हुई कम

बहस जो क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन, पॉवर और BCCI के प्रभाव को लेकर क्रिस ब्रॉड और ग्रेग चैपल ने छेड़ दी

Health Tips- नींद सही से नहीं आती हैं, सोने से पहले करें ये काम

Rajasthan weather update: जयपुर और अजमेर संभागों में चलेगी शीतलहर, अब जारी हुआ है ये अलर्ट

बेकाबू स्कॉर्पियो ने सड़क पार रहे लोगों की कुचला, 4 की मौत, दो घायल




