नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगे 50% टैरिफ को कम करने का संकेत दिया है। इसका कारण उन्होंने भारत के रूसी तेल आयात में कमी को बताया। उन्होंने कहा कि ड्यूटी 'किसी दिन' हटा ली जाएगी। इसे लेकर काफी चर्चा है। भारत में लोग काफी उत्साहित हैं। हालांकि, इस पर पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने बड़ी बात कह दी है। उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लेने की सलाह दी है।
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि व्हाइट हाउस में कोई भी जरूरी काम तब तक नहीं होता जब तक पहले ट्रंप की चापलूसी न की जाए। सिब्बल ने यह बात भारत में नए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर कही। इस समारोह में अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने कहा था कि ट्रंप ने किसी भी दूसरे राष्ट्रपति से ज्यादा देश के लिए काम किया है।
सिब्बल का मानना है कि व्हाइट हाउस में काम करने के लिए चापलूसी एक जरूरी चीज है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने भारत और पीएम मोदी के बारे में अच्छी बातें तो कहीं, लेकिन उनके कामों में यह नहीं झलकता। भारत पर लगे भारी टैरिफ अभी तक हटाए नहीं गए हैं।
भारत पर 50% टैरिफ को बताया बहुत ज्यादासमारोह के दौरान ट्रंप ने संकेत दिया था कि भारत पर लगे 50% टैरिफ को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा था, 'अभी भारत पर टैरिफ बहुत ज्यादा हैं क्योंकि रूस से तेल आ रहा था... उन्होंने (भारत) रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। यह बहुत कम हो गया है। हां, हम टैरिफ कम करने वाले हैं... किसी समय हम इसे हटा देंगे।'
सिब्बल ने आगे कहा कि ट्रंप अक्सर विदेशी नेताओं की तारीफ करते हैं। इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। पूर्व सचिव के अनुसार, ट्रंप की ये तारीफें खुद की तारीफ करने का एक तरीका है। इससे वह दुनिया को अपनी सकारात्मकता और दोस्ती बनाने और नियंत्रित करने की क्षमता दिखाना चाहते हैं।
दोस्ती के बावजूद पाकिस्तान से ज्यादा टैरिफ
ट्रंप ने कहा था कि उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 'शानदार रिश्ते' हैं। लेकिन, जैसा कि कंवल सिब्बल ने बताया, इस रिश्ते से भारत को कोई खास फायदा नहीं हुआ है। सिर्फ कंवल सिब्बल ही नहीं, आरबीआई के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने भी कहा था कि यह पीएम मोदी का अपमान है कि दोनों नेताओं की इतनी चर्चा वाली दोस्ती के बावजूद भारत को 50% टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है, जबकि पाकिस्तान पर सिर्फ 19% टैरिफ है।
ट्रंप ने भारत को 'इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक सुरक्षा भागीदार' बताया। उन्होंने कहा, 'यह वाकई एक अद्भुत देश है, 1.5 अरब लोग। चीन की आबादी 1.4 अरब है। ये दोनों बड़े देश हैं। राजदूत के तौर पर सर्जियो हमारे देश के संबंधों को मजबूत करने, प्रमुख अमेरिकी उद्योगों और प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा देने, अमेरिकी ऊर्जा निर्यात बढ़ाने और हमारी सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने के लिए काम करेंगे।'
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि व्हाइट हाउस में कोई भी जरूरी काम तब तक नहीं होता जब तक पहले ट्रंप की चापलूसी न की जाए। सिब्बल ने यह बात भारत में नए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर कही। इस समारोह में अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने कहा था कि ट्रंप ने किसी भी दूसरे राष्ट्रपति से ज्यादा देश के लिए काम किया है।
सिब्बल का मानना है कि व्हाइट हाउस में काम करने के लिए चापलूसी एक जरूरी चीज है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने भारत और पीएम मोदी के बारे में अच्छी बातें तो कहीं, लेकिन उनके कामों में यह नहीं झलकता। भारत पर लगे भारी टैरिफ अभी तक हटाए नहीं गए हैं।
Flattery seems to be the necessary grease for functioning in the WH.
— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) November 11, 2025
Trump made friendly noises about India and Modi but these are not matched by actions. The punitive tariffs haven’t been removed.
He has said elsewhere while receiving the former Al Qaeda, Al Nusra Islamist… https://t.co/YV4GYsHLnv
भारत पर 50% टैरिफ को बताया बहुत ज्यादासमारोह के दौरान ट्रंप ने संकेत दिया था कि भारत पर लगे 50% टैरिफ को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा था, 'अभी भारत पर टैरिफ बहुत ज्यादा हैं क्योंकि रूस से तेल आ रहा था... उन्होंने (भारत) रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। यह बहुत कम हो गया है। हां, हम टैरिफ कम करने वाले हैं... किसी समय हम इसे हटा देंगे।'
सिब्बल ने आगे कहा कि ट्रंप अक्सर विदेशी नेताओं की तारीफ करते हैं। इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। पूर्व सचिव के अनुसार, ट्रंप की ये तारीफें खुद की तारीफ करने का एक तरीका है। इससे वह दुनिया को अपनी सकारात्मकता और दोस्ती बनाने और नियंत्रित करने की क्षमता दिखाना चाहते हैं।
दोस्ती के बावजूद पाकिस्तान से ज्यादा टैरिफ
ट्रंप ने कहा था कि उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 'शानदार रिश्ते' हैं। लेकिन, जैसा कि कंवल सिब्बल ने बताया, इस रिश्ते से भारत को कोई खास फायदा नहीं हुआ है। सिर्फ कंवल सिब्बल ही नहीं, आरबीआई के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने भी कहा था कि यह पीएम मोदी का अपमान है कि दोनों नेताओं की इतनी चर्चा वाली दोस्ती के बावजूद भारत को 50% टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है, जबकि पाकिस्तान पर सिर्फ 19% टैरिफ है।
ट्रंप ने भारत को 'इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक सुरक्षा भागीदार' बताया। उन्होंने कहा, 'यह वाकई एक अद्भुत देश है, 1.5 अरब लोग। चीन की आबादी 1.4 अरब है। ये दोनों बड़े देश हैं। राजदूत के तौर पर सर्जियो हमारे देश के संबंधों को मजबूत करने, प्रमुख अमेरिकी उद्योगों और प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा देने, अमेरिकी ऊर्जा निर्यात बढ़ाने और हमारी सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने के लिए काम करेंगे।'
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