नई दिल्ली: असम और सर्विसेज के बीच रणजी ट्रॉफी का एक मैच इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। यह मैच भारत की सबसे बड़ी रेड-बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता का सबसे छोटा मैच बन गया है। यह मुकाबला सिर्फ 90 ओवरों में ही खत्म हो गया जिसमें सर्विसेज ने असम को 8 विकेट से हराकर इस सीजन में अपनी लगातार दूसरी जीत दर्ज की।
90 ओवर में खत्म हुआ मैचइस मैच की खासियत यह थी कि यह सिर्फ 90 ओवरों में ही समाप्त हो गया, जो रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे कम ओवरों का मैच है। सर्विसेज ने यह मैच 8 विकेट से जीता। मैच की शुरुआत में असम की टीम पहली पारी में सिर्फ 103 रनों पर ऑलआउट हो गई। यह 17.2 ओवरों में हुआ। सर्विसेज के गेंदबाज अर्जुन शर्मा ने 5 विकेट 46 रन देकर लिए और मोहित जांगड़ा ने 3 विकेट 5 रन देकर लिए।
गेंदबाजों ने किया कमाल
यह पहली बार था जब किसी फर्स्ट-क्लास मैच की एक ही पारी में दो गेंदबाजों ने हैट्रिक ली हो। हालांकि असम की टीम दूसरी पारी में वापसी करने में कामयाब रही। रियान पराग के शानदार प्रदर्शन की बदौलत सर्विसेज की टीम सिर्फ 108 रन ही बना सकी और उन्हें सिर्फ 5 रनों की बढ़त मिली। राजस्थान रॉयल्स के स्टार खिलाड़ी रियान पराग ने अपने करियर का दूसरा पांच विकेट हॉल लिया और अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट 25 रन देकर लिए। राहुल सिंह ने भी उनका बखूबी साथ दिया और 4 विकेट लिए।
75 रन पर सिमट गई टीमयह मैच कम स्कोर वाला ही रहा। असम की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 75 रनों पर सिमट गई। यह 29.3 ओवरों में हुआ। इस पारी में चार बल्लेबाज बिना खाता खोले आउट हो गए। केवल तीन बल्लेबाजों ने ही दोहरे अंकों में रन बनाए। 71 रनों का आसान लक्ष्य मिलने पर सर्विसेज ने यह लक्ष्य सिर्फ 13.5 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। दोनों विकेट रियान पराग ने लिए।
यह पूरा मुकाबला सिर्फ 90 ओवरों यानी 540 गेंदों में खत्म हो गया। इस दौरान पहले दिन 25 विकेट गिरे, जबकि दूसरे दिन सुबह बाकी के 7 विकेट गिरे। इस तरह गेंदों की संख्या के हिसाब से यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास का सबसे छोटा मैच बन गया। इससे पहले यह रिकॉर्ड 1962 के दिल्ली और रेलवे के बीच खेले गए मैच के नाम था, जो 547 गेंदों में खत्म हुआ था। वह मैच भी दो दिनों में ही समाप्त हो गया था, जिसमें दिल्ली ने पारी और 53 रनों से जीत दर्ज की थी।
90 ओवर में खत्म हुआ मैचइस मैच की खासियत यह थी कि यह सिर्फ 90 ओवरों में ही समाप्त हो गया, जो रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे कम ओवरों का मैच है। सर्विसेज ने यह मैच 8 विकेट से जीता। मैच की शुरुआत में असम की टीम पहली पारी में सिर्फ 103 रनों पर ऑलआउट हो गई। यह 17.2 ओवरों में हुआ। सर्विसेज के गेंदबाज अर्जुन शर्मा ने 5 विकेट 46 रन देकर लिए और मोहित जांगड़ा ने 3 विकेट 5 रन देकर लिए।
गेंदबाजों ने किया कमाल
यह पहली बार था जब किसी फर्स्ट-क्लास मैच की एक ही पारी में दो गेंदबाजों ने हैट्रिक ली हो। हालांकि असम की टीम दूसरी पारी में वापसी करने में कामयाब रही। रियान पराग के शानदार प्रदर्शन की बदौलत सर्विसेज की टीम सिर्फ 108 रन ही बना सकी और उन्हें सिर्फ 5 रनों की बढ़त मिली। राजस्थान रॉयल्स के स्टार खिलाड़ी रियान पराग ने अपने करियर का दूसरा पांच विकेट हॉल लिया और अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट 25 रन देकर लिए। राहुल सिंह ने भी उनका बखूबी साथ दिया और 4 विकेट लिए।
75 रन पर सिमट गई टीमयह मैच कम स्कोर वाला ही रहा। असम की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 75 रनों पर सिमट गई। यह 29.3 ओवरों में हुआ। इस पारी में चार बल्लेबाज बिना खाता खोले आउट हो गए। केवल तीन बल्लेबाजों ने ही दोहरे अंकों में रन बनाए। 71 रनों का आसान लक्ष्य मिलने पर सर्विसेज ने यह लक्ष्य सिर्फ 13.5 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। दोनों विकेट रियान पराग ने लिए।
यह पूरा मुकाबला सिर्फ 90 ओवरों यानी 540 गेंदों में खत्म हो गया। इस दौरान पहले दिन 25 विकेट गिरे, जबकि दूसरे दिन सुबह बाकी के 7 विकेट गिरे। इस तरह गेंदों की संख्या के हिसाब से यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास का सबसे छोटा मैच बन गया। इससे पहले यह रिकॉर्ड 1962 के दिल्ली और रेलवे के बीच खेले गए मैच के नाम था, जो 547 गेंदों में खत्म हुआ था। वह मैच भी दो दिनों में ही समाप्त हो गया था, जिसमें दिल्ली ने पारी और 53 रनों से जीत दर्ज की थी।
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