रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की अहम कैबिनेट बैठक सीएम विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में किसानों के लिए बड़े फैसले लिए गए हैं। राज्य सरकार ने धान खरीदी के फैसले पर निर्णय लिया गया है। धान के समर्थन मूल्य, धान की खरीदी और धान खरीदी में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से अहम फैसले लिए गए हैं। राज्य में धान की खरीदी 15 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक की जाएगी।
कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए राज्य के डेप्युटी सीएम अरुण साव ने कहा कि राज्य के किसानों से खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
कौन-कौन से फैसले हुए
अरुण साव ने बताया कि राज्य में 25 लाख से अधिक किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी होगी। धान खरीदी का काम 15 नवंबर 2015 से शुरू होकर 31 जनवरी 2026 तक की जाएगी। धान खरीदी में पारदर्शिता को बढावा देने इस वर्ष ई-केवाईसी के माध्यम से एग्रीस्टेक पोर्टल में किसानों को पंजीयन करना अनिवार्य किया गया है। जिससे किसान की सही पहचान हो और डुप्लीकेशन और दोहराव नहीं हो। पंजीयन 31 अक्टूबर 2025 तक कराया जा सकता है।
अरुण साव ने कहा कि डिजिटल क्राप सर्वे के माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर रकबे का सर्वे कराया गया है। जिसके फलस्वरूप धान के रकबे का ऑनलाइन निर्धारण डिजिटल रूप से सुनिश्चित हुआ है। प्रदेश के 20,000 ग्रामों में दिनांक 2 अक्टूबर से डिजिटल क्राप सर्वे एवं मैन्यूअल गिरदावरी के डेटा को ग्रामसभा में चस्पा कराया जा रहा है। किसानों को बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु टोकन तुहर हाथ मोबाईल एप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की गई है। इसके तहत किसान स्वयं अपने सुविधा अनुसार दिनों में धान विक्रय किये जाने हेतु टोकन काट सकेगें।
बायोमैट्रिक आधारित होगी खरीदी
वास्तविक किसानों से धान खरीदी सुनिश्चित करने हेतु बायोमैट्रिक आधारित धान की खरीदी की जावेगी। 2739 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी किये जाने हेतु समितियों में समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये है। समितियों को खरीद विपणन वर्ष 2025-26 में शून्य सुखत आने पर 5 रुपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन दिया जायेगा। धान खरीदी हेतु आवश्यकतानुसार नये एवं पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
कंट्रोल रूम बनाने का फैसला
अरुण साव ने कहा कि खाद्य विभाग भारत सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2025-26 हेतु केन्द्रीय पूल में 73 लाख मीट्रिक टन चावल का लक्ष्य दिया गया है। प्रदेश में धान की रिसाईकलिंग रोके जाने एवं बेहतर मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु पहली बार इंटिग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर मार्कफेड कार्यालय में स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जिलों में भी कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। धान खरीदी केंद्रों में बेहतर एवं सुगम व्यवस्था हेतु कलेक्टर द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को खरीदी केन्द्र प्रभारी बनाने का निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए राज्य के डेप्युटी सीएम अरुण साव ने कहा कि राज्य के किसानों से खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
कौन-कौन से फैसले हुए
अरुण साव ने बताया कि राज्य में 25 लाख से अधिक किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी होगी। धान खरीदी का काम 15 नवंबर 2015 से शुरू होकर 31 जनवरी 2026 तक की जाएगी। धान खरीदी में पारदर्शिता को बढावा देने इस वर्ष ई-केवाईसी के माध्यम से एग्रीस्टेक पोर्टल में किसानों को पंजीयन करना अनिवार्य किया गया है। जिससे किसान की सही पहचान हो और डुप्लीकेशन और दोहराव नहीं हो। पंजीयन 31 अक्टूबर 2025 तक कराया जा सकता है।
अरुण साव ने कहा कि डिजिटल क्राप सर्वे के माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर रकबे का सर्वे कराया गया है। जिसके फलस्वरूप धान के रकबे का ऑनलाइन निर्धारण डिजिटल रूप से सुनिश्चित हुआ है। प्रदेश के 20,000 ग्रामों में दिनांक 2 अक्टूबर से डिजिटल क्राप सर्वे एवं मैन्यूअल गिरदावरी के डेटा को ग्रामसभा में चस्पा कराया जा रहा है। किसानों को बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु टोकन तुहर हाथ मोबाईल एप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की गई है। इसके तहत किसान स्वयं अपने सुविधा अनुसार दिनों में धान विक्रय किये जाने हेतु टोकन काट सकेगें।
बायोमैट्रिक आधारित होगी खरीदी
वास्तविक किसानों से धान खरीदी सुनिश्चित करने हेतु बायोमैट्रिक आधारित धान की खरीदी की जावेगी। 2739 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी किये जाने हेतु समितियों में समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये है। समितियों को खरीद विपणन वर्ष 2025-26 में शून्य सुखत आने पर 5 रुपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन दिया जायेगा। धान खरीदी हेतु आवश्यकतानुसार नये एवं पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
कंट्रोल रूम बनाने का फैसला
अरुण साव ने कहा कि खाद्य विभाग भारत सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2025-26 हेतु केन्द्रीय पूल में 73 लाख मीट्रिक टन चावल का लक्ष्य दिया गया है। प्रदेश में धान की रिसाईकलिंग रोके जाने एवं बेहतर मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु पहली बार इंटिग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर मार्कफेड कार्यालय में स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जिलों में भी कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। धान खरीदी केंद्रों में बेहतर एवं सुगम व्यवस्था हेतु कलेक्टर द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को खरीदी केन्द्र प्रभारी बनाने का निर्णय लिया गया है।
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